अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने अब भारतीय समेत अनेक देशों के प्रवासियों के निर्वासन की नई तरकीब निकाली है। अमेरिकी आव्रजन प्रवर्तन एजेंसियां अब छात्र वीजा या H-1B वीजा पर गए प्रवासियों के अनधिकृत रोजगार के मामलों की पहचान कर रही है और इसके लिए आंतरिक राजस्व सेवा (IRS) के रिकॉर्ड खंगाल रही है। यानी जो लोग H-1B वीजा पर गए हैं लेकिन एक नियोक्ता के अलावा दूसरे स्रोत से भी कमाई कर रहे हैं, या जो छात्र वीजा पर गए हैं लेकिन पढ़ने के अलावा पार्ट टाइम करके कमाई कर रहे हैं और इस अतिरिक्त कमाई की सूचना उन्होंने अगर राजस्व विभाग को नहीं दी है तो अब यही वजह उनके निर्वासन का कारण बन सकता है या उनके वीजा का विस्तार नहीं किया जा सकता है और उन्हें अमेरिका में एंट्री देने से इनकार किया जा सकता है।
इमिग्रेशन मामलों के अमेरिकी वकील जथ शाओ के मुताबिक, आंतरिक राजस्व सेवा (IRS) ने आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) विभाग के साथ सभी प्रवासियों के डेटा साझा किए हैं औऱ आरोप लगाए हैं कि कई प्रवासियों ने अनधिकृत काम किए हैं। IRS ने कहा है कि ऐसा कर इन प्रवासियों ने टैक्स चोरी की है।
अतीत में किए गए छोटे-मोटे कानून के उल्लंघन की भी जांच
TOI की एक रिपोर्ट में शाओ के हवाले से कहा गया है कि एच-1बी वीजा धारकों के संदर्भ में ऐसी कार्रवाई अधिक देखी जा रही है, जिन्हें दूतावास या बंदरगाहों पर अमेरिका में प्रवेश करने से रोका जा रहा है या उन्हें अस्वीकार किया जा रहा है, क्योंकि उन पर आरोप है कि उन्होंने एफ-1 वीजा पर छात्र के रूप में बिना अनुमति के अतिरिक्त कमाई की थी। उनके अनुसार, अतीत में किए गए छोटे-मोटे कानून के उल्लंघन भी अब बड़ी साजिश साबित किए जा रहे हैं।
प्रवासियों के निर्वासन का खतरा बढ़ा
शाओ ने बताया कि कभी-कभी, किसी अन्य अपराध,- जैसे कि यातायात उल्लंघन में पकड़े जाने पर भी प्रवासियों के पृष्ठभूमि की जाँच की जा रही है और वर्षों पहले किए गए अनधिकृत काम, जैसे कि छात्र के रूप में किसी रेस्टोरेंट या फास्ट फूड की दुकान पर काम करने को अपराध बताया जा रहा है। हालांकि, ICE द्वारा की जा रही ऐसी कार्रवाई अभी व्यापक पैमाने पर शुरू नहीं हो पाई है लेकिन संभावना है कि आगे आने वाले समय में इसे और धार दिया जा सकता है और इसी बहाने भारत समेत अन्य देशों से वहां गए प्रवासियों के निर्वासन का खतरा बढ़ सकता है। आभार: हिन्दुस्तान












