सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली. खास बात तो ये है कि गुरुवार को शेयर बाजार के आखिरी 120 मिनट में जितनी रिकवरी देखने को मिली थी. वो तमाम रिकवरी शुक्रवार के शेयर बाजार की गिरावट में डूब गया. जहां सेंसेक्स में 750 अंकों से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली और मई के पहले हफ्ते के लेवल पर आ गया. वहीं दूसरी ओर निफ्टी में भी 230 अंकों से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली.
जानकारों की मानें तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय निर्यात पर टैरिफ़ को अचानक दोगुना करने से लेकर विदेशी निवेशकों की लगातार निकासी और पहली तिमाही के कमजोर नतीजों तक और ग्लोबल और घरेलू चुनौतियों के कारण निवेशकों की धारणा कमज़ोर हुई. खास बात तो ये निवेशकों को 4.72 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर शेयर बाजार में किस तरह के आंकड़े देखने को मिले हैं.
सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट
सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स सेंसेक्स 765.47 अंक यानी 0.95 फीसदी गिरकर 79,857.79 पर बंद हुआ. जबकि कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स 79,775.84 अंकों के मई के शुरुआती के हफ्ते के लेवल पर आ गया. वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी 232.85 अंक यानी 0.95% गिरकर 24,363.30 पर बंद हुआ. कारोबारी सत्र के दौरान निफ्टी 24,337.50 अंकों के मई के शुरुआती हफ्ते के लेवल पर आया. शेयर बाजार के आंकड़ों को देखें तो शेयर बाजार लगातार 6वें हफ्ते में गिरावट देखने को मिली है
ट्रम्प टेरिफ के इलावा विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली:गिरावट के दबाव को और बढ़ाते हुए, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) लगातार दसवें सत्र में बिकवाली की मुद्रा में रहे. अकेले 7 अगस्त को, उन्होंने भारतीय शेयर बाजारों से 4,997.19 करोड़ रुपये निकाले, और अगस्त में कुल निकासी अब 15,950 करोड़ रुपए से अधिक हो गई है. जुलाई से अब तक 4 अरब डॉलर का आउट फ्लो गहरी बेचैनी का संकेत देता है. वहींपहली तिमाही की कमाई में कमी: बढ़ते वैश्विक दबाव के बीच कॉर्पोरेट नतीजे कोई सहारा नहीं दे पाए हैं. पिछले महीने निफ्टी आईटी इंडेक्स में 10 फीसदी की गिरावट आई है, और निफ्टी बैंक में भी कोई खास तेजी नहीं दिखी है.डॉलर में उछाल और रुपए में गिरावट: अमेरिकी डॉलर सूचकांक पिछले सप्ताह 2.5 फीसदी बढ़कर 100 के पार पहुंच गया, जो लगभग तीन वर्षों में इसकी सबसे तेज साप्ताहिक वृद्धि है. इससे विदेशी लोन की लागत बढ़ गई और उभरते बाजारों से पूंजी का बहिर्वाह तेज हो गया निवेशकों को 4.72 लाख करोड़ का नुकसान शेयर बाजार निवेशकों को शुक्रवार को मोटा नुकसान हुआ है. निवेशकों का नुकसान और फायदा बीएसई के मार्केअ कैप से जुड़ा हुआ है. आंकड़ों को देखें तो बीएसई का मार्केट कैप गुरुवार को 4,45,35,676.87 करोड़ रुपए था, जो शुक्रवार को घटकर 4,40,63,525.24 करोड़ रुपए हो गया है. इसका मतलब है कि बीएसई के मार्केट कैप से 4,72,151.63 करोड़ रुपए कम हो गए. यही शेयर बाजार निवेशकों का नुकसान भी है.आभार TV9 bharat versh












