नई दिल्ली (एजेंसी) : अमेरिका और यूरोप में कोविड (covid) के नए वेरिएंट – ओमिक्रॉन (omicron) – ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. भारत भी चिंतिति है क्योंकि यहां भी ओमिक्रॉन (omicron) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. अब तक देश के 14 राज्यों में 224 केस सामने आ चुके हैं.
ओमिक्रॉन के संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से लगातार दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं. मंगलवार, 21 दिसंबर की शाम को भी केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कुछ निर्देश जारी किए हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण द्वारा लिखे गए एक पत्र में केंद्र ने ओमिक्रॉन को डेल्टा से ज्यादा संक्रामक बताते हुए राज्यों को वॉर रूम एक्टिव करने की सलाह दी है. साथ ही कोरोना से जुड़े हर अपडेट पर नजर रखते हुए स्थानीय और जिला स्तर पर कड़े और त्वरित कदम उठाने के भी निर्देश दिए हैं. आइये जानते हैं कि इस पत्र में और क्या-क्या लिखा है…
– केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के पत्र में कहा गया है कि वैज्ञानिकों से जो जानकारी अब तक मिली है उसके अनुसार ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा से तीन गुना अधिक संक्रामक है. इतना ही नहीं भारत के कई हिस्सों में डेल्टा के भी केस सामने आ रहे हैं. ऐसे में सक्रियता दिखाना बेहद जरूरी है.
– सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश टेस्टिंग और निगरानी बढ़ाने के अलावा रात में कर्फ्यू लगाने, बड़ी सभाओं पर रोक लगाने, शादियों और अंतिम संस्कारों में लोगों की संख्या को सीमित करने जैसे कदम उठाएं.
– केंद्र सचिव ने अपने पत्र में जिला स्तर पर कंटेनमेंट जोन बनाने, कंटेनमेंट जोन की सीमा तय करने, केसों की लगातार समीक्षा करने, अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाने जैसे जरूरी कदमों को उठाने की सलाह दी है. ऐसा करने से अन्य जगहों पर फैलने से पहले ही संक्रमण को काबू किया जा सकता है.
– राज्य जल्द ही अपने वॉर रूम, इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर्स को एक्टिव करें. केस ट्रेंड्स का एनालिसिस करें. भले ही केस कम हों, जिला और स्थानीय स्तर पर सक्रिय कार्रवाई करते रहें. फील्ड अधिकारियों के साथ नियमित समीक्षा करें.
– कोरोना के नए क्लस्टर कंटेनमेंट जोन, बफर जोन बनाए जाएं. कंटेनमेंट में ही संक्रमण को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं. सभी क्लस्टर में सैंपल को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा जाए.
– डोर-टू-डोर केस सर्च किए जाएं. टेस्टिंग के लिए आरटी पीसीआर टेस्ट्स की संख्या बढ़ाई जाए.
– कोरोना के सभी मरीजों के संपर्कों की ट्रेसिंग जरूरी है. इसके अलावा जिला प्रशासन विदेशों से आए यात्रियों की भी निगरानी करे.
– सभी राज्य अपने यहां बेड और एंबुलेंस की संख्या बढ़ाएं. साथ ही अस्पतालों में जरूरी अन्य मशीनरी, ऑक्सीजन और दवाओं का बफर स्टॉक में इजाफ़ा करें.
– केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने पत्र में साफ़ तौर पर कहा कि ओमिक्रॉन को देखते हुए नेशनल क्लीनिक मैनेजमेंट प्रोटोकॉल में कोई बदलाव नहीं होगा. होम आइसोलेशन के नियमों का कड़ाई से पालन कराया जाए. होम आइसोलेशन के वक्त कॉल सेंटर और होम विजिट के द्वारा उसकी जानकारी ली जाए. इस बात का खास ख्याल रखा जाए कि होम आइसोलेशन में रहने वाले व्यक्ति से अन्य लोगों में संक्रमण न फैले.