दिल्ली विश्वविद्यालय के सिलेबस में बदलाव किया गया है. नए सिलेबस में अब हिंदुत्व विचारधारा वाले वीडी सावरकर के बारे में पांचवें सेमेस्टर में पढ़ाया जाएगा. यह बदलाव एकेडमिक काउंसिल की तरफ से शुक्रवार (26 मई) को किया गया था. उनका नाम सिलेबस में जोड़ने के बाद अब महात्मा गांधी के बारे में 7वें सेमस्टर में पढ़ाया जाएगा.
दिल्ली विश्वविद्यालय के एकेडमिक काउंसिल के सदस्य आलोक रंजन ने कहा, “इससे पहले सावरकर सिलेबस का हिस्सा नहीं थे, जबकि गांधी जी को पांचवें सेमेस्टर में पढ़ाया जाता था”. वहीं, शिक्षकों के एक वर्ग ने इस कदम का विरोध किया है. ये शिक्षक वीडी सावरकर को शामिल करने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन महात्मा गांधी के चैप्टर को चौथे साल में धकेले जाने से नाराज हैं.
अब अगर कोई छात्र 4 के बजाय 3 साल के बाद बीए राजनीति विज्ञान ऑनर्स सिलेबस से बाहर निकलता है तो उसे भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी के योगदान के बारे में जानने को नहीं मिलेगा. इससे पहले कभी भी सावरकर पर एक पूर्ण पेपर नहीं पढ़ाया गया है. डीयू के एक बयान के मुताबिक, यह पहली बार है जब सावरकर को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है.
इसके अलावा रिवाइज्ड सिलेबस से कवि मुहम्मद इकबाल, जिन्हें अल्लामा इकबाल भी कहा जाता है, को भी हटा दिया गया है. डीयू के कुलपति योगेश सिंह ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा, ”जिन्होंने भारत को तोड़ने की नींव रखी, उनके लिए सिलेबस का हिस्सा होने के लिए कोई जगह नहीं है