नई दिल्ली: एसपी महासचिव रामगोपाल यादव के सीएम योगी से मिलने पर विवाद हो गया है, हालांकि कायदे से इसमें विवाद की कोई बात नहीं है। आमतौर पर दो विरोधी पार्टियों के नेता मिलते रहते हैं, विरोधी पार्टी के नेता भी अपनी मांग और शिकायतें लेकर सीएम के पास जाते हैं या सार्वजनिक कार्यक्रमों में उनकी मुलाकात होती है।
रामगोपाल यादव भी इटावा में कुछ लोगों के खिलाफ हो रही पुलिस की कार्रवाई, फर्जी मुकदमे और ज्यादतियों की शिकायत करने सीएम के पास गए थे, लेकिन इस पर विवाद खड़ा कर दिया है शिवपाल यादव ने।
शिवपाल ने रामगोपाल यादव की ओर से सीएम को दी गई एक कथित चिट्ठी का कंटेंट जारी किया है और कहा है कि रामगोपाल ने मुसलमानों का मुद्दा सीएम के सामने नहीं उठाया।
उन्होंने इस बहाने आजम खान को भी उकसाने की कोशिश की है और सपा के दूसरे मुस्लिम नेताओं को भी संबोधित करके कहा है कि रामगोपाल यादव ने उनकी बात नहीं उठाई इस विवाद के साथ साथ एक दूसरी चर्चा यह भी शुरू हो गई है कि शिवपाल यादव ने योगी से मुलाकात की तो उनकी सपा से विदाई हो गई और वे भाजपा के करीब हो गए।
वैसे भी सीएम से जो भी मिलता है वह बीजेपी में चला जाता है या बीजेपी का करीबी माना जाने लगता है। कुछ लोग इस मुलाकात से भी यहीं नतीजा निकाल रहे हैं और सपा कार्यकर्ताओं तक यह मैसेज पहुंचा रहे हैं। इस लिहाज से यह मुलाकात सपा को नुकसान पहुंचाने वाली हो सकती है।