अपनी यूरोप यात्रा के दौरान बेल्जियम पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि भारत के लोकतांत्रित संस्थाओं पर पर चौतरफा हमला हो रहा है और देश के लोकतांत्रिक ढांचे को दबाने की कोशिश पर यूरोपीय संघ के हलकों में भी चिंता है.
शुक्रवार को ब्रसेल्स प्रेस क्लब में एक प्रेस ब्रीफ़िंग के दौरान रूस यूक्रेन संघर्ष पर भारत सरकार की मौजूदा नीति से सहमति जताई.दिल्ली में हो रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में डिनर पर कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को आमंत्रित नहीं किए जाने को राहुल गांधी ने ‘विपक्ष की अवहेलना’ बताया है.
राहुल गांधी ने कहा, “उन्होंने विपक्ष के नेता को आमंत्रित नहीं करने का फैसला किया है. यह आपको कुछ बताता है. यह आपको बताता है कि वे भारत की 60% आबादी के नेता को महत्व नहीं देते हैं. यह कुछ ऐसा है जिसके बारे में लोगों को सोचना चाहिए – उन्हें ऐसा करने की आवश्यकता क्यों महसूस हो रही है और इसके पीछे किस प्रकार की सोच है.”
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शनिवार को जी-20 शिखर सम्मेलन स्थल भारत मंडपम में एक डिनर पार्टी का आयोजन करेंगी. इसे लेकर तब विवाद पैदा हो गया जब इसमें कांग्रेस अध्यक्ष को निमंत्रित नहीं किया गया.
BBC के अनुसार राहुल गांधी ने कहा कि भारत में भेदभाव और हिंसा में बढ़ी है और हमारे देश की लोकांत्रिक संस्थाओं पर चौतरफा हमला हो रहा है और ये सबको पता है.
भारत से जुड़े कुछ मुद्दों पर यूरोपीय संघ के सांसदों की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर राहुल गांधी ने कहा, “वे बहुत चिंतित थे और उन्हें लगा कि भारत में लोकतांत्रित ढांचे को निश्चित तौर पर दबाने की कोशिश हो रही है.