नई दिल्ली: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार में ऊर्जा मंत्री आतिशी मरलेना ने दावा किया कि अब दिल्ली के 46 लाख से ज्यादा परिवारों को शनिवार से बिजली सब्सिडी नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल ने बिजली सब्सिडी की फाइल रोक दी है।आतिशी का आरोप है कि इस मामले पर उन्होंने उपराज्यपाल से बातचीत के लिए मिलने का 5 मिनट का समय मांगा था, लेकिन इमरजेंसी स्थिति होने के बावजूद उपराज्यपाल ने समय नहीं दिया. आतिशी का कहना है कि 24 घंटे बाद भी उपराज्यपाल ने समय नहीं दिया है.
एलजी ने की केजरीवाल सरकार की आलोचना
उधर, उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने पिछले 6 वर्षों के दौरान निजी बिजली कंपनियों को दिए गए 13,549 करोड़ रुपये का ऑडिट नहीं कराये जाने पर केजरीवाल सरकार की तीखी आलोचना की है. उपराज्यपाल ने गरीबों को बिजली सब्सिडी दिए जाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए इस सब्सिडी का पूरी तरह समर्थन किया है और कहा कि बिजली कंपनियों को जो सब्सिडी दी गई है, उसका हर हाल में ऑडिट होना चाहिए ताकि बिजली सब्सिडी में अगर कहीं भी चोरी हो रही है तो उसे रोका जा सके।एलजी ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि बिजली कंपनियों के CAG ऑडिट को निरस्त करने वाले हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की अपील पिछले 7 साल से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. एलजी ने इस मामले में जल्दी सुनवाई के लिए सरकार से सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने को कहा है. दरअसल, हाईकोर्ट ने कैग से ऑडिट कराने के सरकार के फैसले को रद्द कर दिया था जिसे सरकार ने 2016 में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. यह मामला अब तक लंबित है।
एलजी ने इस बात पर भी आपत्ति दर्ज की कि सरकार की ढुलमुल रवैये के कारण बिजली कंपनियों के खाते का कैग से ऑडिट कराने संबंधी मामला पिछले 7 साल से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. उपराज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो फाइल उपलब्ध कराई है उसमें किसी भी तरह से सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को जल्दी सुलझाने में सरकार की मंशा नहीं दिख रही है.