नई दिल्ली (एजेंसी) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) गुजरात के कच्छ स्थित गुरुद्वारा लखपत साहिब में गुरु नानक देव जी के गुरुपर्व समारोह को वर्चुअली संबोधित किया. उन्होंने साल 2001 में आए भूकंप का जिक्र किया और कहा कि मुझे गुरु कृपा से इस पवित्र स्थान की सेवा करने का सौभाग्य मिला था. गुजरात के सिख संगत हर साल 23 दिसंबर से 25 दिसंबर तक गुरुद्वारा लखपत साहिब (Gurudwara Lakhpat Sahib) में गुरु नानक देव जी का गुरुपर्व मनाते हैं.
करतारपुर कॉरिडोर को लेकर पीएम मोदी ने कहा, ‘दशकों से जिस करतारपुर साहिब कॉरिडोर की प्रतीक्षा थी, 2019 में हमारी सरकार ने ही उसके निर्माण का काम पूरा किया.’ उन्होंने कहा, ‘अभी हाल ही में हम अफ़ग़ानिस्तान से स-सम्मान गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूपों को भारत लाने में सफल रहे हैं.’ पीएम ने पूछा, ‘गुरु कृपा का इससे बड़ा अनुभव किसी के लिए और क्या हो सकता है?’
कच्छ में पीएम मोदी ने आतंकवाद पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘औरंगजेब के खिलाफ गुरु तेग बहादुर का पराक्रम और उनका बलिदान हमें सिखाता है कि आतंक और मजहबी कट्टरता से देश कैसे लड़ता है. इसी तरह, दशम गुरु, गुरु गोबिन्द सिंह साहिब का जीवन भी पग-पग पर तप और बलिदान का एक जीता जागता उदाहरण है.’ उन्होंने कहा, ‘अंग्रेजों के शासन में भी हमारे सिख भाइयों बहनों ने जिस वीरता के साथ देश की आजादी के लिए संघर्ष किया, हमारा आजादी का संग्राम, जलियांवाला बाग की वो धरती, आज भी उन बलिदानों की साक्षी है.’
कोरोना वायरस महामारी के दौरान गुरुद्वारों की तरफ से किए गए कार्यों का भी पीएम मोदी ने जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘कोरोना के कठिन समय में हमारे गुरुद्वारों ने जिस तरह सेवा की जिम्मेदारी उठाई, वो गुरु साहब की कृपा और उनके आदर्शों का ही प्रतीक है.’ उन्होंने कहा, ‘हमारे गुरुओं का योगदान केवल समाज और आध्यात्म तक ही सीमित नहीं है. बल्कि हमारा राष्ट्र, राष्ट्र का चिंतन, राष्ट्र की आस्था और अखंडता अगर आज सुरक्षित है, तो उसके भी मूल में सिख गुरुओं की महान तपस्या है.’
पीएम ने बताया कि अमेरिका ने 150 से ज्यादा वस्तुएं लौटाई हैं. उन्होंने कहा, ‘कुछ महीने पहले जब मैं अमेरिका गया था, तो वहां अमेरिका ने भारत को 150 से ज्यादा ऐतिहासिक वस्तुएं लौटाईं. इसमें से एक पेशकब्ज या छोटी तलवार भी है, जिस पर फारसी में गुरु हरगोबिंद जी का नाम लिखा है. यानि ये वापस लाने का सौभाग्य भी हमारी ही सरकार को मिला.’ पीएमओ की तरफ शुक्रवार को बयान के अनुसार, गुरु नानक देव जी अपनी यात्रा के दौरान लखपत में ठहरे थे. गुरुद्वारा लखपत साहिब में उनकी कुछ वस्तुयें रखी हुई हैं, जैसे खड़ाऊं और पालकी सहित पांडुलिपियां और गुरुमुखी लिपि.
पीएमओ ने जानकारी दी, ‘वर्ष 2001 के भूकंप के दौरान गुरुद्वारा को क्षति पहुंची थी. नरेन्द्र मोदी उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे और उन्होंने गुरुद्वारे की मरम्मत का काम अविलम्ब शुरू करना सुनिश्चित किया था. इस पहल से सिख पंथ के प्रति प्रधानमंत्री की गहरी आस्था का पता चलता है. उनकी आस्था हाल के अन्य अवसरों पर भी नजर आई, जैसे गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व, गुरु गोबिन्द सिंह जी का 350वां प्रकाश पर्व और गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व.’