नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को पुणे के देहू में तुकाराम महाराज मंदिर का उद्घाटन किया, इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि मनुष्य जन्म में सबसे दुर्लभ संतों का सत्संग है।
संतों की कृपा अनुभूति हो गई तो ईश्वर की अनुभूति अपने आप हो जाती है, आज देहू की इस पवित्र तीर्थ-भूमि पर आकर मुझे ऐसी ही अनुभूति हो रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि देहू का शिला मंदिर न केवल भक्ति की शक्ति का एक केंद्र है बल्कि भारत के सांस्कृतिक भविष्य को भी प्रशस्त करता है, इस पवित्र स्थान का पुनर्निमाण करने के लिए मैं मंदिर न्यास और सभी भक्तों का आभार व्यक्त करता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि हमें गर्व है कि हम दुनिया की प्राचीनतम जीवित सभ्यताओं में से एक हैं, इसका श्रेय भारत की संत परंपरा को जाता है, उन्होंने कहा कि भारत शाश्वत है, क्योंकि भारत संतों की धरती है, हर युग में हमारे यहां, देश और समाज को दिशा देने के लिए कोई न कोई महान आत्मा अवतरित होती रही है,
पीएम मोदी ने कहा कि आज देश संत कबीरदास की जयंती मना रहा है, संत तुकाराम जी की दया, करुणा और सेवा का वो बोध उनके अभंगों के रूप आज भी हमारे पास है, इन अभंगों ने हमारी पीढ़ियों को प्रेरणा दी है, जो भंग नहीं होता, जो समय के साथ शाश्वत और प्रासंगिक रहता है, वही तो अभंग है।
पीएम मोदी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे राष्ट्रनायक के जीवन में भी तुकाराम जी जैसे संतों ने बड़ी अहम भूमिका निभाई, आजादी की लड़ाई में वीर सावरकर जी को जब सजा हुई, तब जेल में वो हथकड़ियों को चिपली जैसा बजाते हुए तुकाराम जी के अभंग गाते थे।