अभिनेता विजय ने रविवार को तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले में पहली राजनीतिक रैली की। उनकी यह रैली अपनी पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम बनाने के आठ महीने बाद हुई। इसमें विजय ने पार्टी की विचारधारा और कोर मुद्दों की घोषणा की। इसमें समानता, सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता, अदालतों में प्रशासनिक भाषा के रूप में तमिल को बढ़ावा देना और राज्यपाल के पद को हटाना शामिल है। उन्होंने रैली में कहा कि विभाजनकारी राजनीति से देश को खराब करने वाले उनकी पार्टी के ‘प्राथमिक वैचारिक दुश्मन’ हैं। विजय ने कहा कि कुछ लोग राजनीति में प्रवेश करने वाले किसी भी व्यक्ति को एक खास रंग में रंग रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं और गुप्त सौदेबाजी कर रहे हैं। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके पर कटाक्ष करते हुए विजय ने आरोप लगाया कि एक ‘परिवार’ ‘द्रविड़ मॉडल के नाम पर’ राज्य को लूट रहा है।
विजय की नई-नई शुरू की गई राजनीतिक पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम के मेगा राज्य स्तरीय सम्मेलन में उनके लाखों समर्थक उमड़ पड़े। रैली में विजय ने कहा, ‘हमारी यह जिम्मेदारी है कि हम अपनी विचारधारा को लोगों तक पहुंचाएं और उन्हें अपने वैचारिक नेताओं से परिचित कराएं, जिन्होंने इस धरती के लोगों के लिए अथक काम किया है।’
अभिनेता ने तमिलनाडु के सामाजिक न्याय आंदोलन में एक प्रमुख व्यक्ति पेरियार के दर्शन के साथ पार्टी के जुड़ाव की बात कही। उन्हें उन्होंने एक प्रेरणादायक नेता बताया। उन्होंने कहा, ‘हां, पेरियार हमारे वैचारिक नेता हैं। हमारी पार्टी सभी धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करती है, फिर भी हम महिला शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय जैसे सिद्धांतों को कायम रखते हैं, जिनकी वकालत पेरियार ने की थी। ये वे मूल्य हैं जिन्हें हम आगे ले जाएंगे।’
तमिलनाडु के लोगों पर अपना भरोसा जताते हुए विजय ने कहा कि वे राज्य में 2026 के विधानसभा चुनावों में टीवीके को सबसे बड़ी पार्टी बनाने के लिए वोट देंगे। उन्होंने कहा कि इसके बाद अगर पार्टियां उनकी पार्टी के साथ गठबंधन करना चाहती हैं, तो टीवीके उन्हें सरकार में हिस्सा देगी। विजय ने NEET की उम्मीदवार और अरियालुर की छात्रा अनीता की आत्महत्या को भी याद किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि महिलाएँ उनके राजनीतिक करियर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी। टीवीके की विचारधारा के बारे में बात करते हुए विजय ने कहा कि वे द्रविड़ राष्ट्रवाद और तमिल राष्ट्रवाद को अलग-अलग नहीं करने जा रहे हैं।