नई दिल्ली:पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में आरोपी TMC सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई है. लोकसभा में ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित हुआ. इससे पहले लोकसभा में 12 बजे एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पेश की गई थी, जिस पर 2 बजे चर्चा हुई. चर्चा के बाद स्पीकर ने वोटिंग करवाई. स्पीकर ने आधे घंटे चर्चा की अनुमति दी थी.
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सदन की गरिमा और मर्यादा को कायम रखने के लिए यदि कुछ कड़े फैसले लेने की जरूरत पड़ी तो लेने होंगे. कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने चर्चा के दौरान कहा कि 406 पन्नों की रिपोर्ट इतनी जल्दी कैसे पढ़ें, इसे पढ़ने के लिए 3-4 दिन का समय दिया जाए. वहीं कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने कहा कि 12 बजे एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट आई और 2 बजे बहस शुरू हो गई. यह बहुत ही संवेदनशील मामला है. महुआ मोइत्रा को अपनी पूरी बात कहने का मौका मिलना चाहिए.
वहीं बीजेपी सांसद हिना गावित ने मनीष तिवारी के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. 2005 में कांग्रेस सरकार के दौरान एक ही दिन रिपोर्ट पेश की गई और उसी दिन 10 सांसदों को निष्कासित कर दिया गया था. मैने 2 घंटे तक पूरी रिपोर्ट पढ़ी है. हिना ने कहा कि 47 बार दुबई से महुआ मोइत्रा का अकाउंट लॉगइन हुआ. जबकि रूल में साफ लिखा है कि अपना संसदीय आईडी पासवर्ड किसी के साथ शेयर नहीं किया जा सकता. चार अलग-अलग शहरों से महुआ का अकाउंट लॉगइन हुआ. ये पक्ष या विपक्ष का सवाल नहीं बल्कि संसद की मर्यादा का सवाल है. एक घटना की वजह से दुनियाभर में सांसदों की छवि खराब हुई है. एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर TMC सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि महुआ मोइत्रा को बोलने का मौका दिया जाए. प्रभावित पक्ष को नहीं सुनना अन्याय है. इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने नियमों का हवाला देकर कहा कि सब कुछ नियमों और संसद की परंपराओं के अनुरूप हो रहा है.