नई दिल्ली: माओवादियों के शहरी नेटवर्क की कमर तोड़ने की तैयारी है। इसके लिए केंद्र सरकार ने सुरक्षा बलों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने सुरक्षा बलों को माओवादी रणनीतिकारों और उनके समर्थकों के शहरी नेटवर्क की पहचान करने और उन पर नकेल कसने के लिए कहा है।
जनसत्ता की एक रिपोर्ट के मुताबिक सुरक्षा प्रतिष्ठानों के सूत्रों ने को कहा कि कुछ गैर सरकारी संगठन और नागरिक अधिकार संगठन भी रडार पर हैं, वे भी जांच के दायरे में आ सकते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय से जुड़े एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि नवीनतम खुफिया रिपोर्ट से पता चलता है कि कई शहरी माओवादी और उनके समर्थक विभिन्न शहरों में सक्रिय हैं और भूमिगत विद्रोहियों को समर्थन प्रदान कर रहे हैं।
रिपोर्ट में विभिन्न शहरों के कई शहरी माओवादियों की उपस्थिति पर प्रकाश डाला गया है जो अंडरग्राउंड नक्सलियों को सहायता प्रदान कर रहे हैं। हालिया रिपोर्ट को देखेत हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुरक्षा बलों से ऐसे अर्बन नक्सल और उनके समर्थकों की पहचान कर उन पर कार्रवाई करने को कहा है।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि रिपोर्ट में बताया गया कि कैसे कुछ शहरों में माओवादियों के फ्रंट संगठन काम कर रहे हैं।