फारुक अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर को लेकर बड़ी चेतावनी दी है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि भारत और पाकिस्तान बातचीत के जरिए विवादों को खत्म नहीं करते हैं तो कश्मीर का भी गज़ा और फिलिस्तीन जैसा ही हश्र होगा।
उन्होंने पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता में शामिल नहीं होने के लिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की आलोचना की। पत्रकारों से बातचीत में अब्दुल्ला ने पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र करते हुए कहा, ‘हम अपने दोस्त बदल सकते हैं लेकिन अपने पड़ोसी नहीं’ और इस बात पर जोर दिया कि अगर मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखे गए तो भारत और पाकिस्तान दोनों समृद्ध होंगे।
एएनआई के अनुसार फारुक अब्दुल्ला ने कहा, ‘अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि हम अपने दोस्त तो बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं। यदि हम अपने पड़ोसियों के साथ मित्रवत रहेंगे तो दोनों प्रगति करेंगे। पीएम मोदी ने भी यह कहा कि अब युद्ध कोई विकल्प नहीं है और मामले बातचीत से सुलझने चाहिए। संवाद कहाँ है? नवाज शरीफ प्रधानमंत्री बनने वाले हैं और वे कह रहे हैं कि हम बात करने के लिए तैयार हैं, लेकिन क्या कारण है कि हम बात करने के लिए तैयार नहीं हैं? यदि हम बातचीत के माध्यम से समाधान नहीं ढूंढते हैं, तो हमारा भी गजा और फिलिस्तीन जैसा ही हश्र होगा, जिन पर इजराइल द्वारा बमबारी की जा रही है।’
फारूक अब्दुल्ला की यह चौंकाने वाली टिप्पणी पुंछ में आतंकवादी हमले में सेना के 5 जवानों के मारे जाने और अगले दिन तीन नागरिकों की मौत के बाद आई है। इस बीच, सेना प्रमुख मनोज पांडे ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी और पुंछ जिलों का दौरा किया और स्थानीय सैनिकों से उन गुफाओं को तबाह करने को कहा, जिनका इस्तेमाल आतंकवादियों द्वारा छिपने के ठिकानों के रूप में किया जा रहा है। उन्होंने क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था की भी समीक्षा की। साभार सत्य हिन्दी