आगामी कांवड़ यात्रा के मद्देनज़र मेरठ जिला प्रशासन ने यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले सभी भोजनालयों और खाने-पीने के स्थानों को लेकर अहम दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब इन सभी स्थलों पर QR कोड के माध्यम से मालिक की जानकारी और रजिस्ट्रेशन नंबर प्रदर्शित करना अनिवार्य कर दिया गया है। मालिकों का नाम बताना पिछले साल भी अनिवार्य किया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। उस समय यूपी के अलावा उत्तराखंड सरकार ने भी इसी तरह का आदेश जारी किया था। इस मामले में फिर विवाद बढ़ने के आसार हैं।
खाद्य सुरक्षा विभाग को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गया है कि हर भोजनालय के पास वैध खाद्य सुरक्षा पंजीकरण प्रमाणपत्र हो, जिसमें मालिक का नाम और रजिस्ट्रेशन नंबर स्पष्ट रूप से दर्ज हो। साथ ही, हर भोजनालय को एक QR कोड लगाना होगा, जिसे स्कैन कर कांवड़ यात्री उस स्थान के मालिक और लाइसेंस की जानकारी देख सकें।
डिविजनल कमिश्नर का बयान:मेरठ के डिविजनल कमिश्नर ऋषिकेश भास्कर यशोद ने बताया कि “कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों को अपने खाद्य पदार्थों की सूची और उनके मूल्य स्पष्ट रूप से बाहर प्रदर्शित करने होंगे, ताकि कांवड़ियों से कोई अधिक शुल्क न वसूला जा सके और वे पारदर्शी रूप से भोजनालय का चुनाव कर सकें।”नियम तोड़ने वालों पर 2 लाख जुर्माना होगा:डॉ. यशोद ने कहा कि “इसका मकसद यह तय करना है कि कांवड़ यात्रा के दौरान यात्रियों को शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध हो।” प्रशासन ने चेतावनी दी है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2006 की धारा 55 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें ₹2 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।
नरेश टिकैत का कड़ा बयान:भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कांवड़ यात्रा के दौरान बजने वाले डीजे और गानों पर सख्त आपत्ति की है। टिकैत ने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान किसी भी धर्म के खिलाफ गाने न बजाए जाएं। टिकैत ने कहा कि डीजे पर एकदम से रोक लगना चाहिए। क्योंकि इससे कई बार हादसे हुए हैं। डीजे की तेज आवाज से बीमार लोगों को परेशानी होती है। नरेश टिकैत के इस बयान पर हिन्दू संगठन आपत्ति जता रहे हैं।
ओवैसी का आरोप:दिल्ली-देहरादून राजमार्ग पर कांवड़ मार्ग पर ढाबा मालिकों से उनके धर्म की पुष्टि के लिए पैंट खोलने को कहने की कुछ मीडिया रिपोर्टों पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “मुजफ्फरनगर राजमार्ग के पास कई होटल कई सालों से चल रहे हैं। मैं यह समझने में विफल हूं कि 10 साल पहले इन जगहों पर कोई समस्या क्यों नहीं थी। यहां कांवड़ यात्रा शांतिपूर्वक कैसे निकाली गई? यह सब अभी क्यों हो रहा है? ये निगरानी समूह कौन हैं जो होटल मालिकों से पैंट खोलने को कह रहे हैं? क्या वे सरकार चला रहे हैं, या प्रशासन सरकार चला रहा है? पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए आभार सत्य हिंदी