जामिया मिल्लिया इस्लामिया के उर्दू विभाग के अध्यक्ष और समकालीन कथा लेखक प्रो. खालिद जावेद द्वारा उपन्यास ‘नेमत खाना’ का अंग्रेजी अनुवाद ‘जेसीबी अवार्ड फॉर लिटरेचर 2022’ प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार के लिए सभी भारतीय भाषाओं से चुने गए दस उपन्यासों की सूची में शामिल किया गया है।
प्रो. बारा फारूकी द्वारा उपन्यास का अंग्रेजी में ‘द पैराडाइज ऑफ फूड’ के रूप में अनुवाद किया गया है। इस पुरस्कार में 25 लाख रुपये की राशि दी जाती है और अनुवादक को 10 लाख रुपये की पुरस्कार राशि भी अलग से मिलती है। जिन 10 लेखकों के उपन्यासों को सूची में शामिल किया गया है, उनमें से प्रत्येक को 1 लाख रुपये मिलेंगे।
एक रसोई के परिवेश से यह उपन्यास एक विशिष्ट मध्यवर्गीय मुस्लिम परिवार की कहानी है, जो भूख, हिंसा, प्रेम, अपराधबोध और स्वीकारोक्ति के इर्द-गिर्द घूमता है।
कुलपति प्रो. नजमा अख्तर ने इसे विश्वविद्यालय के लिए गर्व का क्षण बताया। उन्होंने अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की और आशा व्यक्त की कि उपन्यास को अंततः पुरस्कार के लिए चुना जाएगा।
प्रो. खालिद जावेद के तीन उपन्यास- ‘मौत की किताब’, ‘नेमत खाना’ और ‘एक खंजर पानी में’ बहुत लोकप्रिय हुए हैं और उनका चौथा उपन्यास ‘अरसलान और बेहज़ाद’ बहुत जल्द रिलीज होने वाला है। उनके उपन्यास ‘मौत की किताब’ का अनुवाद डॉ ए नसीब खान ने ‘बुक ऑफ डेथ’ के रूप में किया था।
उन्हें देश भर के प्रमुख साहित्यिक संस्थानों द्वारा कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है।