बिहार सरकार में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन ने मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया है.
संतोष सुमन बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी के बेटे हैं.
संतोष सुमन ने अपने इस्तीफ़े के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा है कि अपनी पार्टी के अस्तित्व को बचाने के लिए उन्होंने यह फ़ैसला लिया है.
उनका कहना है, “हमारी पार्टी का अस्तित्व ख़तरे में था. हम पर अपनी पार्टी का विलय जेडीयू में करने का प्रस्ताव आ रहा था. हमने उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया. हमने पहले भी कहा है कि हमारी विचारधारा महागठबंधन की विचारधारा है. हमारे नेता जीतन राम मांझी जी ने साफ़ कहा है जब तक हमें रखेंगे हम महागठबंधन के साथ हैं.”
माना जा रहा है कि जीतन राम मांझी नीतीश सरकार से नाराज़ चल रहे हैं. इससे पहले 23 जून को पटना में महागठबंधन की बैठक के लिए जीतन राम मांझी को न्योता नहीं दिया गया था.
23 जून की इस बैठक से पहले बिहार के महागठबंधन में इसे एक बड़ी दरार के तौर पर देखा जा रहा है. बिहार की सियासत में यह भी संभावना जताई जा रही है कि जीतन राम मांझी एनडीए का दामन थाम सकते हैं.
संतोष सुमन के इस्तीफ़े पर जेडीयू विधायक और बिहार सरकार में मंत्री लेसी सिंह ने कहा है कि इससे सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
लेसी सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा है, “उनको हमारे नेता ने मुख्यमंत्री तक बना दिया. इससे बड़ा सम्मान क्या हो सकता है. ऐसे नेता आते-जाते रहते हैं.”