भारत ने मंगलवार को दोहा में इजरायल के हालिया हमले पर गहरी चिंता व्यक्त की और कतर की संप्रभुता के उल्लंघन की स्पष्ट रूप से निंदा की। संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए, अरिंदम बागची ने कहा कि भारत का दृढ़ विश्वास है कि मतभेदों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों के पूर्ण अनुरूप बातचीत और कूटनीति के माध्यम से शांतिपूर्वक हल किया जाना चाहिए।बागची ने कहा कि भारत दोहा में हुए हालिया हमलों और क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति पर इसके प्रभाव को लेकर बेहद चिंतित है। हम कतर की संप्रभुता के उल्लंघन की स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं। इस तरह की कार्रवाइयों से न केवल क्षेत्र में, बल्कि पूरी दुनिया में शांति, स्थिरता और सुरक्षा को खतरा है। बागची ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद को बताया कि भारत का दृढ़ विश्वास है कि मतभेदों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतर्राष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों के पूर्ण अनुरूप बातचीत और कूटनीति के माध्यम से शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत ‘क्षेत्र में शांति और स्थिरता के समर्थन में और किसी भी रूप या अभिव्यक्ति में आतंकवाद के खिलाफ’ दृढ़ता से खड़ा है।उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की वृद्धि से बचा जाना चाहिए और राज्य की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति सम्मान बरकरार रखा जाना चाहिए।पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कतर के अमीर से बात की और खाड़ी देश की “संप्रभुता के उल्लंघन” की निंदा की। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा था कि कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से बात की और दोहा में हुए हमलों पर गहरी चिंता व्यक्त की। भारत कतर के भाईचारे वाले राज्य की संप्रभुता के उल्लंघन की निंदा करता है।पीएम ने कहा था कि हम बातचीत और कूटनीति के माध्यम से मुद्दों के समाधान का समर्थन करते हैं और तनाव को बढ़ने से रोकते हैं। भारत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के समर्थन में और सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता से खड़ा है।
इजरायल ने दोहा में हमास नेतृत्व को निशाना बनाकर हवाई हमले किए, जिसका कोडनेम ‘समिट ऑफ फायर’ था। दोहा विस्फोटों से दहल उठा, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कटारा जिले में धुएं का गुबार उठ रहा था। साभार: नवभारत टाइम्स












