भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि किसी देश में लोकतंत्र को बचे रहने के लिए मीडिया को आज़ाद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब प्रेस को सत्ता से सच बोलने और सत्ता से कड़े सवाल पूछने से रोका जाता है तो लोकतंत्र की जीवंतता से समझौता किया जाता है।
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए रामनाथ गोयनका पुरस्कार समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सुचारू और स्वस्थ लोकतंत्र को पत्रकारिता के विकास को प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने सामाजिक सामंजस्य और राजनीतिक सक्रियता में स्थानीय व समुदाय आधारित पत्रकारिता की भूमिका पर भी जोर दिया।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि भारत के पास समाचार पत्रों की एक महान विरासत है जिसने सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन के उत्प्रेरक के रूप में काम किया है। स्वतंत्रता से पहले समाज सुधारक और राजनीतिक कार्यकर्ता जागरूकता बढ़ाने के लिए अखबार चलाते थे। उन्होंने डॉ. बीआर आंबेडकर के मूक नायक, बहिष्कृत भारत, जनता और प्रबुद्ध भारत का हवाला दिया।