नई दिल्ली: हिमाचल में 55 लाख से अधिक मतदाता 68 निर्वाचन क्षेत्रों में 412 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे।
राज्य में आज हो रहा चुनाव बीजेपी और कांग्रेस के लिए साख की लड़ाई बन चुका है, वहीं आप पार्टी की दावेदारी से ये मुकाबला थोड़ा दिलचस्प होता नजर आ रहा है।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी जहां विकास के अपने एजेंडे पर सवार होकर चुनावी सफलता दोहराने की उम्मीद कर रही है वहीं, विपक्षी कांग्रेस मतदाताओं से निवर्तमान सरकार को सत्ता से बेदखल करने की चार दशक पुरानी परंपरा का पालन करने का अनुरोध कर रही है।
राज्य में 55 लाख से अधिक मतदाता 68 निर्वाचन क्षेत्रों में 412 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे, जिनमें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह और पूर्व भाजपा प्रमुख सतपाल सिंह सत्ती शामिल हैं.
पिछले दो चुनावों में लचर प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस के लिए भाजपा से हिमाचल प्रदेश छीनना अपने अस्तित्व का सवाल है. कांग्रेस के लिए यह और अहम है क्योंकि 24 साल बाद गांधी परिवार के बाहर के किसी व्यक्ति (मल्लिकार्जुन खरगे) ने पार्टी की कमान संभाली है और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रचार से पूरी तरह दूर रहे हैं.
कांग्रेस ने 2021 में पश्चिम बंगाल, केरल, असम, पुडुचेरी और इस साल पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर समेत नौ राज्यों में हार झेली है. बीजेपी के लिए हिमाचल प्रदेश में जीत प्रधानमंत्री मोदी की एक और उपलब्धि होगी, जिन्होंने पार्टी के संदर्भ में ‘‘सत्ता समर्थक लहर” का नारा दिया है. हिमाचल प्रदेश का हर बार सत्ता बदलने का इतिहास रहा है.
राज्य में नयी-नयी आयी आप का अभियान काफी शांत रहा क्योंकि मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच बनता दिख रहा है. चुनाव की पूर्व संध्या पर भाजपा और कांग्रेस ने दावा किया कि वे बहुमत की ओर बढ़ रहे हैं और सरकार बनाएंगे. इस बीच, राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने कहा कि आखिरी क्षण में शुक्रवार को घर-घर जाकर प्रचार करने से भी खेल बदल सकता है.
बीजेपी ने राज्य की महिला मतदाताओं की अच्छी-खासी तादाद होने के कारण उन्हें लुभाने के लिए सोच-समझकर कदम उठाए हैं. पार्टी ने उनके लिए एक अलग घोषणापत्र भी जारी किया. बीजेपी ने समान नागरिक संहिता लागू करने और राज्य में आठ लाख नौकरियां पैदा करने का वादा किया जबकि कांग्रेस ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, 300 यूनिट निशुल्क बिजली देने और 680 करोड़ रुपये के स्टार्टअप की घोषणा की.