नई दिल्ली :ज्ञानवापी ASI सर्वे मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है. ज्ञानवापी के ASI सर्वे पर आज फैसला आ सकता है. हिंदू और मुस्लिम पक्ष के वकील कोर्ट में मौजूद हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस इस मामले में सुनवाई कर रहे हैं. मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश की बेंच में हुई सुनवाई में मुस्लिम पक्ष का कहना था कि अगर हिंदू पक्ष के मुताबिक ये सर्वे हुआ तो मस्जिद की पूरी इमारत ख़त्म हो जाएगी. वहीं हिंदू पक्ष ने इस बात से इंकार किया. फिलहाल कोर्ट में सुनवाई जारी है…
मस्जिद कमेटी की दलील
1. 1669 में कोई मंदिर किसी बादशाह के आदेश से नहीं तोड़ा गया.
2. ज्ञानवापी मस्जिद 1000 साल से ज्यादा वहां मौजूद है.
3.कोर्ट कमिश्नर के सर्वे के दौरान शिवलिंग नहीं बल्कि फव्वारा मिला था.
4.राम जन्मभूमि के मामले में फैसले की परिस्थितियां अलग थी. राम मंदिर का उदाहरण ज्ञानवापी के मामले में नहीं दिया जा सकता है. जिस ज्ञानवापी मस्जिद के नीचे मंदिर होने की बात की जा रही है, वो मनगढ़ंत है.
5.हिंदू पक्ष की ये कल्पना है कि पश्चिमी दीवार और मस्जिद के ढांचे के नीचे कुछ मौजूद है. कल्पना के आधार पर ASI सर्वे की इजाजत नहीं दी जा सकती.
6.जिला जज द्वारा ASI सर्वे का आदेश देना गैरकानूनी है.
7. हिंदू पक्ष का दावा है कि प्लॉट नंबर 9130 पर ही 1585 में राजा टोडरमल ने मंदिर का निर्माण कराया और 1669 में उसे तोड़ दिया गया. उसी मंदिर में गौरी श्रृंगार, हनुमान और गणेश भगवान की पूजा की मांग महिलाएं कर रही हैं. (आभार NDTV)