उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में मंगलवार रात एक 44 वर्षीय दलित किसान ने आत्महत्या कर ली.
द इंडियन एक्सप्रेस(The Indian Express)की रिपोर्ट के मुताबिक़ मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने मृतक की 15 वर्षीय बेटी के कथित अपहरण और बलात्कार के मामले में कार्रवाई नहीं की थी जिससे आहत होकर किसान ने ये क़दम उठाया.
आरोप है कि 9 मई को लड़की को तीन लोगों ने अग़वा कर लिया था और उनमें से एक ने उसके साथ बलात्कार किया.
पुलिस में शिकायत देने के बाद लड़की अगले दिन लौट आई थी लेकिन परिवार का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में एफ़आईआर दर्ज नहीं.
मीडिया से बात करते हुए किसान के बेटे ने कहा, “तीन-चार लोगों ने मेरी बहन को अगवा कर लिया था और उसे एक रात अपने पास रखा. हम केस दर्ज कराने थाने गए थे लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. हमने 9 मई की रात को ही शिकायत पुलिस को दी थी लेकिन किसी ने हमारी नहीं सुनीं. मेरे पिता ने 17 मई को आत्महत्या कर ली.”
वहीं इस मामले में अमेठी के पुलिस अधीक्षक अतुल शर्मा ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा है, “लड़की के लापता होने की जानकारी परिवार ने पुलिस को दी थी. 24 घंटों के भीतर जिस युवक के साथ वो गई थी उसके रिश्तेदार उसे लेकर थाने पहुंचे थे. थाने में दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया था. हमें पता चला है कि बाद में दोनों पक्षों में विवाद हुआ है और यही व्यक्ति के आत्महत्या करने का कारण हो सकता है. “
पुलिस अधीक्षक का कहना है कि इस पूरे मामले की जांच की जा रही है और अगर किसी पुलिसकर्मी की लापरवाही सामने आई तो उस पर सख़्त कार्रवाई की जाएगी.