प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी के खिलाफ नेशनल हेराल्ड मामले में एक अहम कदम उठाते हुए चार्जशीट दाखिल की है। यह चार्जशीट पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल की गई और इसमें कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। ईडी ने मंगलवार को ही सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वॉड्रा को एक अन्य मामले में पूछताछ के लिए तलब किया। वाड्रा पैदल चलकर ईडी के दफ्तर जा पहुंचे। दोनों घटनाक्रम से साफ हो गया है कि ईडी गांधी परिवार और उनसे जुड़े लोगों पर कार्रवाई कर रही है। ईडी पर राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप पहले से ही लग रहा है।
नेशनल हेराल्ड केस एक दशक पुराना मामला है, जिसमें गांधी परिवार पर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्तियों का दुरुपयोग करने और यंग इंडियन लिमिटेड के माध्यम से संपत्ति अधिग्रहण में वित्तीय अनियमितताओं का आरोप है। ईडी ने दावा किया है कि यंग इंडियन को AJL का स्वामित्व एक नाममात्र कीमत पर ट्रांसफर किया गया था, जिससे गांधी परिवार को करोड़ों की संपत्तियाँ नियंत्रित करने का अधिकार मिला।
चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि इस सौदे से सरकारी नियमों का उल्लंघन हुआ है और यह मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत आता है। ईडी के अनुसार, इस लेनदेन में 90 करोड़ रुपये से अधिक की कथित मनी लॉन्ड्रिंग हुई है। प्रवर्तन निदेशालय ने इससे पहले इस मामले में कई बार सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कई लोगों से पूछताछ की थी।
सूत्रों के अनुसार, अदालत अब इस चार्जशीट पर 20 अप्रैल को विचार करेगी और तय करेगी कि आगे की कानूनी कार्रवाई क्या होगी। अगर अदालत आरोपों को सही पाती है, तो गांधी परिवार को अदालत में पेश होना पड़ सकता है और लंबी कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ सकता है।
इस घटनाक्रम से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है, खासकर ऐसे समय में जब देश में आम चुनाव नजदीक हैं। कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला बताया है, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा ने इसे कानून की जीत करार दिया है। इस केस पर देश की नजर टिकी हुई है, और आने वाले हफ्तों में इसके कानूनी और राजनीतिक नतीजे दूरगामी हो सकते हैं। आभार: सत्य हिंदी