नई दिल्ली: डॉक्टर मरियम अफीफा अंसारी बचपन से डॉक्टर बनने का सपना देखा करती थीं, अपने इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की, अब वे भारत की पहली मुस्लिम फीमेल न्यूरोसर्जन बनी हैं।
उन्होंने साबित कर दिया कि मेहनत के दम पर हम जिंदगी में हर सपने को पूरा कर सकते हैं, डॉ, मरियम अफीफा अंसारी अभी सिर्फ 27 वर्ष की हैं।
मरियम अफीफा अंसारी ने कहा कि अब मैं मिस अफीफा से डॉ, अफीफा बन गई हूं, मेरा व्हाइट कोट पहनना और स्टेथेस्कोप से मरीजों की जांच करने का सपना पूरा हुआ।
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, अंसारी ने 2020 में आयोजित NEET की परीक्षा में 137वीं रैंक हासिल की थी, मरियम ने अपनी प्राथमिक शिक्षा मालेगांव के एक उर्दू माध्यम स्कूल से ली।
इसके बाद वह हैदराबाद आ गईं, यहां आकर उन्होंने 10वीं तक पढ़ाई की, जहां 10वीं कक्षा में उन्हें गोल्ड मेडल मिला, अफीफा ने उस्मानिया मेडिकल कॉलेज से MBBS किया, इसी कॉलेज से उन्होंने जनरल सर्जरी में मास्टर्स डिग्री ली, वह स्कूल के दिनों से ही पढ़ाई में आगे रही हैं।
अफीफा की मां एक सिंगल मदर और एक टीचर हैं, उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है, अफीफा पढ़ाई के अलावा पेंटिंग, कैलीग्राफी और इस्लामिक टीचिंग में भी आगे हैं, वे हर लड़की से यह कहना चाहती हैं कि किसी भी हालत में हार मत मानो, अगर कोई ये कहे कि तुम ये काम नहीं कर सकती तो उसे गलत साबित कर दो और अपने मकसद को पाकर रहो।