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दलित’ आदिवासी’ और मुसलमान गुजरात सरकार के कामकाज से नाखुश: csds-lokniti survey

RK News by RK News
November 4, 2022
Reading Time: 1 min read
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दलित’ आदिवासी’ और मुसलमान गुजरात सरकार के कामकाज से नाखुश: csds-lokniti survey

नई दिल्ली: गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले CSDS-LOKNITI SURVEY का नतीजा आया है। इससे पता चलता है कि राज्य के क‍ितने मतदाता भाजपा सरकार से खुश-नाखुश हैं। सर्वे के मुताब‍िक हर तीन में से एक व्यक्ति राज्य सरकार से असंतुष्ट है। हालांकि अलग-अलग समुदाय से जुड़े सवाल पर एक दूसरी तस्वीर सामने आती है।

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जनसत्ता के अनुसार युवाओं के हित पूरा करने के मुद्दे पर सर्वे में शामिल लगभग 49 प्रतिशत लोगों ने माना की सरकार युवाओं के लिए बढ़िया कर रही है, वहीं 40 प्रतिशत ने कहा कि सरकार इस मामले में विफल रही है। 11 प्रतिशत लोगों ने इस सवाल का जवाब नहीं देने का विकल्प चुना।

गुजरात की आबादी में महिलाओं का हिस्सा करीब 57 प्रतिशत है। यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के हितों की सुरक्षा की गई है, लगभग 56 प्रतिशत महिलाओं ने सरकार के कार्यों से खुद को संतुष्ट बताया।

सर्वे के नतीजों से पता चलता है कि राज्य के ज्यादातर दलित, आदिवासी और मुसलमान भाजपा सरकार से काम से संतुष्ट नहीं हैं। सर्वे में शामिल लगभग आधे मुसलमानों ने कहा कि सरकार उनके समुदाय के हितों की रक्षा करने में विफल रही है। मुस्लिम समुदाय के चार में से एक व्यक्ति ने कोई जवाब नहीं देने का विकल्प चुना। गुजरात की कुल आबादी में करीब 10 फीसदी मुस्लिम हैं।

राज्य की राजनीति में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व लगातार कम हुआ है। 1980 के विधानसभा चुनाव में 12 मुस्लिम नेता निर्वाचित हुए थे। वहीं पिछले चुनाव में मात्र दो मुस्लिम ही विधायक बने थे।

40 प्रतिशत आदिवासी भाजपा से नाखुश

आदिवासी समुदाय ने भी राज्य सरकार से असंतोष व्यक्त किया है। सर्वे में शामिल लगभग 40 प्रतिशत आदिवासियों ने कहा है कि सरकार ने उनकी जरूरतों पर ध्यान नहीं दिया है। वहीं 10 में से तीन ने अपनी राय साझा करने से मना कर दिया। आदिवासी समुदाय भारत की आबादी में 8.1 प्रतिशत और गुजरात की आबादी में 14.8 प्रतिशत हैं।

गुजरात राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अनुसार, राज्य के लगभग 90 लाख लोग खेती से जुड़े हैं यानी किसान हैं। वे राज्य में कुल वर्कफोर्स का लगभग 65 प्रतिशत हैं। सर्वे में शामिल लोगों में से लगभग 51% ने कहा कि सरकार किसानों की आकांक्षाओं की पूर्ति करने में सफल रही है। 2017 में यह आंकड़ा 55 प्रतिशत था। यानी पिछले चुनाव की तुलना में लगभग चार प्रतिशत ज्‍यादा लोग किसानों के मुद्दे पर सरकार से असहमत हुए हैं।

 

 

 

 

 

 

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