कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार को कोलंबिया के ईआईए विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि आरएसएस-बीजेपी की विचारधारा का मूल ‘कायरता’ है, जो कमजोरों पर प्रहार करने और मजबूतों से भागने पर आधारित है। साथ ही उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार पर लोकतंत्र को तबाह करने का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि भारत का सबसे बड़ा खतरा लोकतंत्र पर हो रहा हमला है। विदेशी धरती पर राहुल गांधी का यह बयान तुरंत विवाद का विषय बन गया। बीजेपी ने इसे ‘देशविरोधी’ करार देते हुए राहुल पर विदेश में भारत की छवि खराब करने का आरोप लगाया।
बीजेपी ने क्या-क्या आरोप लगाया, यह जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर राहुल गांधी ने किस तरह हमला किया है। राहुल ने कोलंबिया में बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा पर अपनी बात को साफ़ करने के लिए हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर की किताब का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, ‘सावरकर ने अपनी किताब में लिखा है कि एक बार उन्होंने और उनके कुछ दोस्तों ने एक मुस्लिम व्यक्ति को पीटा और उस दिन उन्हें बहुत खुशी हुई। अगर पांच लोग मिलकर एक व्यक्ति को पीटें, जिससे उनको खुशी मिले, तो यह कायरता है। यही आरएसएस की विचारधारा है – कमजोरों को पीटना।’
राहुल ने आगे कहा, “यह बीजेपी-आरएसएस की प्रकृति है। विदेश मंत्री का बयान देखिए, उन्होंने कहा था, ‘चीन हमसे कहीं ज्यादा शक्तिशाली है, हम उनसे कैसे लड़ सकते हैं?’ विचारधारा का मूल कायरता है। वे मजबूत से भागते हैं और कमजोर पर हमला करते हैं।” उनका यह बयान 2023 में विदेश मंत्री एस. जयशंकर के चीन संबंधी बयान का जिक्र करता लगता है, जहां जयशंकर ने सीमा विवाद पर संयम बरतने की बात कही थी।
बीजेपी: ‘देश को बदनाम करने की साजिश’
राहुल गांधी के बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, ‘एक बार फिर राहुल गांधी विदेश जाकर भारतीय लोकतंत्र और जनता की बुराई करते हैं, सिर्फ इसलिए क्योंकि जनता ने उन्हें नब्बे से ज़्यादा बार नकार दिया है। 2024 के चुनाव से पहले, यही व्यक्ति दुनिया के सामने गया और भारतीय चुनावों में विदेशी एजेंसियों के हस्तक्षेप की मांग की। ऐसा खतरनाक और भ्रमित व्यक्ति, जिसे भारतीयों पर कोई भरोसा नहीं है, वह विपक्ष का नेता बनने का हकदार नहीं है।’












