नई दिल्ली: विवादित बयानों को लेकर चर्चाओं में रहने वाले महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी रविवार को मदरसों व एएमयू को लेकर बिगड़े बोल बोलते नजर आए।
शब्दों के जरिए तीखे प्रहार किए तो लखीमपुर खीरी व लंपी वायरस को लेकर प्रदेश सरकार को भी घेरा। उन्होंने एएमयू का नाम लिए बगैर कहा, मदरसों की तरह ही इसका भी हश्र होगा। उन्होंने कहा, मदरसे होने ही नहीं चाहिए, इन्हें तो बारूद से उड़ा देना चाहिए।
महामंडलेश्वर रविवार को नौरंगाबाद स्थित बीदास कंपाउंड में आयोजित भागवत कथा के समापन समारोह में आए थे। पत्रकारवार्ता के दौरान महामंडेलश्वर ने मदरसों व एएमयू को लेकर खूब जहर उगला। उन्होंने कहा, मदरसों को तो बारूद से उड़ा देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश में मदरसे नहीं होने चाहिए। मदरसे के सारे विद्यार्थी को ऐसे शिविरों में भेज देना चाहिए, जहां से उनके दिमाग से एक धार्मिक ग्रंथ का नाम निकाला जा सके। लखीमपुर खीरी की घटना पर कहा कि समाज को जागरूक होने की जरूरत है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि 20 सितंबर को महात्मा गांधी की सामाधि से गृहमंत्री को पत्र लिखूंगा। लंपी वायरस की चपेट में आ ही गौमाता के सवाल पर बोले कि देश के विभिन्न राज्यों में लंपी वायरस से गौमाता मर रही है। यह बहुत ही दुखद है। सरकार इस बीमारी पर कंट्रोल नहीं कर पा रही है।
गौमाता का वोट नहीं है अगर गाय का वोट बनवा दें तो सरकार गाय की चिंता करेगी। अन्यथा सरकार को गोमाता की चिंता नहीं है। पीएम मोदी द्वारा अपने जन्मदिन पर कूनो पार्क में चीते छोड़े जाने के सवाल पर महामंडेश्वर कुछ बोलने से बचते दिखे। इस दौरान अखिल भारत हिन्दू महासभा की राष्ट्रीय सचिव महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती व अन्य मौजूद रहे।