लखनऊ: आखिरकार करीब दो साल बाद सपा नेता आजम खां जेल से रिहा हो गए। इस मौके पर जेल के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसफोर्स की तैनाती की गई थी। उनके समर्थक बड़ी संख्या में जेल के बाहर मौजूद थे।जिला कारागार से दो गाड़ियां बाहर आई हैं। एक गाड़ी में आजम खां चार लोगों के साथ बैठे हैं। इनमें उनके पुत्र अदीब, अब्दुल्ला, उनके प्रतिनिधि व दो अन्य लोग हैं। दूसरी गाड़ी में आजम खां का सामान है। यह वही सामान है, जो उनके साथ कारागार में था। इनमें उनकी किताबें, कपड़े व अन्य सामान शामिल है।सपा के सीनियर नेता आजम खान की 23 महीने बाद जेल से रिहाई पर सपा मुखिया अखिलेश यादव की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा, “आजम खान की रिहाई पार्टी के लिए खुशी का मौका है। आजम खान पर झूठे मुकदमे किए गए। हमारी सरकार आई तो झूठे मुकदमे वापस होंगे। आजम खान को इंसाफ मिलेगा।”अखिलेश यादव ने कहा, “सपा नेता आजम खान जेल से रिहा हो गए हैं। मैं इसके लिए न्यायालय का आभार व्यक्त करता हूं। हम समाजवादियों को विश्वास था कि न्यायालय न्याय करेगा। हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में भाजपा द्वारा कोई भी झूठा मुकदमा दर्ज नहीं किया जाएगा और कोई अन्याय नहीं होगा; एक अधिकारी को बार-बार सेवा विस्तार दिया जा रहा था। यह समाजवादियों के लिए खुशी की बात है कि वह रिहा हो गए हैं।”बसपा में शामिल होने की अटकलों पर सपा प्रमुख और सांसद अखिलेश यादव ने कहा, “आजम खान और समाजवादियों ने लंबे समय से भाजपा का सामना करने में प्रमुख भूमिका निभाई है। हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में उनके सभी मामले खत्म हो जाएंगे। जिस तरह से सीएम ने अपने और डिप्टी सीएम के साथ-साथ भाजपा नेताओं के खिलाफ मुकदमे वापस लिए हैं, सपा सरकार बनने के बाद, आजम खान के खिलाफ भी सभी झूठे मुकदमे वापस ले लिए जाएंगे।”आजम के बसपा में जाने की अटकलों पर शिवपाल सिंह यादव का भी सामने आया बयान
सपा नेता शिवपाल सिंह यादव ने भी आजम खान को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा, “सरकार ने आजम खान को झूठे मामलों में फंसाया था। लेकिन अदालत ने उन्हें राहत दे दी। इसलिए, हम अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं। सपा उन्हें हर संभव मदद दे रही है।”
आजम के बसपा में शामिल होने की अटकलों पर शिवपाल ने कहा, “ये सभी खबरें झूठी हैं। सपा उन्हें हर संभव मदद दे रही है।”गौरतलब है कि आजम खान सपा के कद्दावर नेताओं में से एक रहे हैं। मुलायम सिंह की सरकार में वह बहुत पावरफुल हुआ करते थे। लेकिन सरकार बदलने के बाद उन पर तमाम मुकदमे हुए और वह जेल की सलाखों के पीछे चले गए। इस दौरान आजम के समर्थक अखिलेश से नाराज रहे क्योंकि उनका मानना था कि अखिलेश ने इस मामले को उतनी गंभीरता से नहीं लिया, जितनी गंभीरता से लिया जाना चाहिए थे।












