Roznama Khabrein
No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
اردو
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
No Result
View All Result
No Result
View All Result
Home रोजनामा खबरें विशेष

जबरीया मुस्लमान बनाने के इल्ज़ामात बे-बुनियाद : मौलाना अबदुलख़ालिक़ नदवी

इस्लाम ने अपने किसी मबलग़ को ये हक़ नहीं दिया कि वो लोगों को फ़र्ज़ की अदायगी पर मजबूर करे

RK News by RK News
July 3, 2021
Reading Time: 1 min read
0
जबरीया मुस्लमान बनाने के इल्ज़ामात बे-बुनियाद : मौलाना अबदुलख़ालिक़ नदवी

रामपूर: (एहतिशाम उलहक़ आफ़ाक़ी

RELATED POSTS

दायमी रोगों में योग का महत्व और उपयोगिता

Blasts in Jammu : जम्मू के नरवाल इलाके में दो धमाके, गाड़ियों का किया गया इस्तेमाल, 7 घायल

एलजी पर बरसे केजरीवाल, कहा- बेगानी शादी में…

ईमान का ताल्लुक़ दिल से है और दिल पर जबर नहीं हो सकता क्योंकि दिल इसी बात को मानता है जिसे वो अपने अख़तियार से पसंद करता है। इस लिए इस्लाम में किसी को जबरन मुस्लमान बनाने की कोई गुंजाइश नहीं। ये बात सरकरदा आलिम ए दीन मौलाना अबद उल-ख़ालिक़ नदवी ने रोज़नामा ख़बरें से बात करते हुए कही।

मुक़ामी अमीर जमात-ए-इस्लामी हिंद मौलाना अबदुलख़ालिक़ नदवी ने कहा इस्लाम एतिक़ादी और अख़लाक़ी- व -अमली निज़ाम किसी पर ज़बरदस्ती नहीं करता ये ऐसी चीज़ ही नहीं जो किसी के सर जबरन मंढी जाये। इस्लाम ये गवारा नहीं करता कि किसी को जबरन मुस्लमान बनाया जाये । इन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि इस्लाम में अक़ीदा की आज़ादी का मतलब ये है कि किसी शख़्स को किसी एतिक़ाद को अपनाने पर मजबूर नहीं किया जाना चाहीए और किसी एतिक़ाद की वजह से उसे नुक़्सान नहीं पहुंचाया जाना चाहीए जिस पर वो यक़ीन रखता है। अक़ीदा की आज़ादी अहम तरीन इन्सानी हुक़ूक़ में से एक है जिसका इस्लाम ने इक़रार है।
मौलाना अबदुलख़ालिक़ नदवी ने कहा कि इस्लाम आज़ादी एतिक़ाद को इन्सानी अक़ल- व -ज़मीर के लिए एहतिराम के आला दर्जे और क़दर की निगाह से देखता है , ख़ुदा ने इन्सान को अक़ल से नवाज़ा है जो हक़ और बातिल के दरमियान फ़र्क़ करने के काबिल है और उसे ईमान और कुफ़्र के दरमियान इंतिख़ाब करने की आज़ादी अता करती है। लिहाज़ा वो अपने कामों का ख़ुद ज़िम्मेदार है और इस पर मुरत्तिब होने वाले नताइज का भी वो ख़ुद ज़िम्मेदार है। इस्लाम में मज़हबी आज़ादी की तौसीक़ का मतलब मज़हबी ताद्दुद को तस्लीम करना है।इस्लाम फ़िक्र- व -यक़ीन की आज़ादी की ज़मानत देता है बल्कि ख़ुदा ने उसे मोमिनों पर एक तकलीफ़ी हुक्म के तौर पर फ़र्ज़ फ़रमाया है, उसने सबसे पहले पैग़ंबर को इन्सानियत के बारे में इस नए उसूल की तालीम दी ताकि उस की ईमान पर क़ायम रहने की हिर्स उसे लोगों को ज़बरदस्ती पकड़ कर उन्हें इस्लाम क़बूल करने पर मजबूर ना करे क्यों कि इस्लाम की दावत रजामंदी और ख़ुशनुदी पर मबनी है

बेशक इस्लामी मौक़िफ़ वाज़िह और मज़बूत था जो हर इन्सान को आज़ादी देता है कि वो जो चाहे अक़ाइद अपनाए और अपने लिए जो अफ़्क़ार चाहे इख़तियार करे . अगर किसी के अक़ाइद मुल्हिदाना हैं तब भी कोई शख़्स उसे नहीं रोक सकता जब तक उसे के ये अफ़्क़ार- व -ख़्यालात उस की अपनी ज़ात की हद तक हूँ और वो उनसे किसी को तकलीफ़ ना पहुंचाए। लेकिन अगर वो ऐसे ख़्यालात को फैलाने की कोशिश करता है जो लोगों के एतिक़ादात के मुनाफ़ी और उनकी इक़दार से मुतसादिम हूँ तब वो लोगों के दिलों में शक का फ़ित्ना पैदा करके मलिक के उमूमी नज़म-ओ-ज़बत पर हमला-आवर होता है और जो भी शख़्स किसी भी क़ौम में रियासत के उमूमी नज़म-ओ-ज़बत पे हमला करता है तो उसे सज़ा दी जाएगी जो बेशतर ममालिक में क़तल है चुनांचे इस्लामी क़वानीन में मुर्तद की सज़ा इस लिए नहीं कि वो मुर्तद हुआ है बल्कि इस लिए है कि उसने इस्लामी रियासत में फ़ित्ना- व -इंतिशार बपा है।

इन्होंने कहा कि इस्लाम मुतशद्दिद गिरोहों को मुस्तर्द करता है जो लोगों को इस्लाम पे मजबूर करने की कोशिश करते हैं, इस्लाम ने अपने किसी मबलग़ को ये हक़ नहीं दिया कि वो लोगों को फ़र्ज़ की अदायगी पर मजबूर करे और ना ही देनी फ़राइज़ में कोताही पे किसी शख़्स को सज़ा देने का हक़ है। लिहाज़ा कुछ अफ़राद जो दीनी उमूर में कोताही करते हैं उन्हें कुछ मज़हबी लोग शरई क़वाइद- व -ज़वाबत के मुताबिक़ नेकी का हुक्म देने और बुराई से रोकने के दायरे से ही ख़ारिज कर देते हैं। मज़हब एक दाख़िली यक़ीन है जो बैरूनी दबाओ या जबर से मुताबिक़त नहीं रखता। मज़हब में जबर और ज़बरदस्ती से मोमिन नहीं बल्कि मुनाफ़िक़ पैदा होते हैं।

मौलाना ने एक सवाल के जवाब में मौजूदा सूरत-ए-हाल पर तशवीश का इज़हार करते हुए कहा कि अगर दीन की दावत का काम मुनज़्ज़म पैमाने पर किया जाता तो आज जो सूरत-ए-हाल है वो कभी पैदा ना होगी। इन्होंने कहा कि इसी ताल्लुक़ से हम सब मुजरिम हैं। इन्होंने कहा कि ज़रूरत है कि अह्ले वतन को इस्लाम के पैग़ाम से मुतारीफ कराएं।

Tags: allegations-of-forcibly-converting-muslims
ShareTweetSend
RK News

RK News

Related Posts

रोजनामा खबरें विशेष

दायमी रोगों में योग का महत्व और उपयोगिता

June 21, 2025
रोजनामा खबरें विशेष

Blasts in Jammu : जम्मू के नरवाल इलाके में दो धमाके, गाड़ियों का किया गया इस्तेमाल, 7 घायल

January 21, 2023
रोजनामा खबरें विशेष

एलजी पर बरसे केजरीवाल, कहा- बेगानी शादी में…

January 17, 2023
भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी को जामिया मिलिया इस्लामिया कब्रिस्तान में दफनाया गया
रोजनामा खबरें विशेष

भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी को जामिया मिलिया इस्लामिया कब्रिस्तान में दफनाया गया

July 19, 2021
5 अगस्त के फैसलों से उलझा कश्मीर मुद्दा : हामिद अंसारी
रोजनामा खबरें विशेष

5 अगस्त के फैसलों से उलझा कश्मीर मुद्दा : हामिद अंसारी

July 13, 2021
किया योगी जी ज़्यादा बच्चों वाले नेताओं के टिकट काटेंगे : रवीश का सवाल
रोजनामा खबरें विशेष

किया योगी जी ज़्यादा बच्चों वाले नेताओं के टिकट काटेंगे : रवीश का सवाल

July 12, 2021
Next Post
तीसरी लहर के बारे में किया कहते है वैज्ञानिक?

तीसरी लहर के बारे में किया कहते है वैज्ञानिक?

शाहरुख ने आलिया से मांगा काम, मिला यह जोरदार जवाब

शाहरुख ने आलिया से मांगा काम, मिला यह जोरदार जवाब

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended Stories

आपातकाल नहीं चाहिए तो फिर कुछ बोलते रहना बेहद ज़रूरी है! ~ श्रवण गर्ग 

आपातकाल नहीं चाहिए तो फिर कुछ बोलते रहना बेहद ज़रूरी है! ~ श्रवण गर्ग 

June 28, 2022

स्वतंत्रता सेनानियों से ऐसे पेश आते हैं?’सावरकर मुद्दे पर राहुल को SC की फटका

April 25, 2025

“केंद्र सरकार एजेंसियों का दुरुपयोग कर असहमति की आवाज़ दबा रही है”- एस डी पी आई

March 25, 2025

Popular Stories

  • मेवात के नूह में तनाव, 3 दिन इंटरनेट सेवा बंद, 600 परFIR

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • दिल्ली में 1396 कॉलोनियां हैं अवैध, देखें इनमें आपका इलाका भी तो नहीं शामिल ?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • कौन हैं जामिया मिलिया इस्लामिया के नए चांसलर डॉक्टर सैय्यदना सैफुद्दीन?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • NCERT Recruitment 2023 में नौकरी पाने का जबरदस्त मौका, कल से शुरू होगा आवेदन, जानें तमाम डिटेल

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • पकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में महिला यूट्यूबर ज्योति गिरफ्तार, पूछताछ में किए बड़े खुलासे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • नूपुर को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा- बयान के लिए टीवी पर पूरे देश से माफी मांगे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
Roznama Khabrein

The Roznama Khabrein advocates rule of law, human rights, minority rights, national interests, press freedom, and transparency on which the newspaper and newsportal has never compromised and will never compromise whatever the costs.

More... »

Recent Posts

  • नई दिल्ली:नेवी का क्लर्क विशाल  जासूसी के आरोप में गिरफ्तार, पाक महिला हैंडलर ‘प्रिया शर्मा’ को गोपनीय सैन्य जानकारी दी
  • SCO में चीन-पाक का खेल: पहलगाम की जगह बलूचिस्तान का नाम… भारत का जॉइंट स्टेटमेंट पर साइन से इनकार
  • इजराइल-ईरान और अमेरिका:12 दिन की war में किस को कितना फायदा व नुक्सान:report

Categories

  • Uncategorized
  • अन्य
  • एजुकेशन
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • विचार
  • समाचार
  • हेट क्राइम

Quick Links

  • About Us
  • Support Us
  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • Grievance
  • Contact Us

© 2021 Roznama Khabrein Hindi

No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو

© 2021 Roznama Khabrein Hindi