बिलकिस बानो मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए 11 दोषियों की समय से पहले रिहाई की अनुमति देने वाले गुजरात सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट 27 मार्च 2023 को सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने इस अपराध को ‘भयावह’ बताया. इसके साथ ही कोर्ट ने बिलकिस बानो की याचिका पर केंद्र, गुजरात सरकार और दोषियों को नोटिस जारी किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को दोषियों की रिहाई की अनुमति से जुड़ी फाइल तैयार रखने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ‘यह तय करेगा कि सजा में छूट पर फैसला लेने के लिए “उपयुक्त प्राधिकारी” कौन हैं. सुप्रीम कोर्ट 18 अप्रैल को इस मामले की विस्तृत सुनवाई करेगा.
यह खबर सुकून देने वाली है। बिल्कीस का मामला देश के जुडिशल सिस्टम का इम्तिहान है। इसे हिंदू मुस्लिम के चश्मे से देखने वाली इंसानियत, भारतीय संस्कृति ,इंसाफ और महिलाओं के दुश्मन हैं। आज एक संस्कारी रेपिस्ट एक सरकारी कार्यक्रम में बीजेपी के एमपी और एमएलए के साथ नजर आया, यह किसके साथ में था बल्कि महिला के साथ भद्दा मजाक है जिसको हिंदू समाज देवी समझकर पूछता है। सुप्रीम कोर्ट मीट का आखिरी चिराग यह जरूर बिल्कीस को इंसाफ की रोशनी दिखाएगा आपको भी पूरी उम्मीद होगी।