साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के विपरीत साल 2024 के चुनाव के दौरान विदेशी निवेशकों का रूठ जाना कुछ समझ नहीं आ रहा है. मई के महीने में अब तक विदेशी निवेशक 28 हजार रुपए से ज्यादा निकाल चुके हैं. जी हां, जितना पैसा विदेशी निवेशकों ने अप्रैल के महीने में बाजार से निकाला था. उससे 3 गुना से ज्यादा पैसा मई में करीब तीन हफ्तों में निकाला जा चुका है.
अगर दोनों को मिला दिया जाए तो 50 दिनों में निवेशकों ने भारत के शेयर बाजार से करीब 37 हजार करोड़ रुपए निकाल लिए हैं. जानकारों की मानें तो भारत के चुनाव के नतीजों को लेकर विदेशी निवेशकों में काफी अनिश्चितता है. वहीं दूसरी ओर चीन के बाजार विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजारों के मुकाबले ज्यादा माकूल नजर आ रहे हैं. इसी वजह से विदेशी निवेशकों का असर भारत के शेयर बाजार में कम होता दिखाई दे रहा है.
लगातार पैसा निकाल रहे विदेशी निवेशक
आम चुनाव के नतीजों को लेकर अनिश्चितता और चीन के बाजारों में आकर्षक मूल्यांकन के चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मई में अबतक भारतीय शेयर बाजारों से 28,200 करोड़ रुपए की निकासी की है. मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि में बदलाव और अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल बढ़ने की चिंता के बीच अप्रैल में एफपीआई ने शेयरों से शुद्ध रूप से 8,700 करोड़ रुपए निकाले थे.
इससे पहले एफपीआई ने मार्च में शेयरों में 35,098 करोड़ रुपए और फरवरी में 1,539 करोड़ रुपए डाले थे. आगे चलकर चुनाव नतीजों के बाद एफपीआई के इक्विटी फ्लो में नाटकीय बदलाव देखने को मिल सकता है. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने 17 मई तक शेयरों से शुद्ध रूप से 28,242 करोड़ रुपये निकाले हैं. साभार tv9भारत