नई दिल्ली: एसआईओ ने उदयपुर मामले की कड़े शब्दों में आलोचना करते हुए इसे संप्रदायिकता के बढ़ते छात्रों को उजागर करने वाला बताया। एस आई ओ के अध्यक्ष मोहम्मद सलमान अहमद ने मीडिया को जारी एक बयान में कहा उदयपुर में कन्हैया लाल की नृशंस हत्या की हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। सक्षम अधिकारियों द्वारा समयबद्ध तरीक़े से इस घटना की पूरी तरह से जांच की जानी चाहिए और सभी दोषियों को देश के क़ानून के अनुसार दंडित किया जाना चाहिए। ऐसी हिंसा का कोई औचित्य नहीं है।
यह घटना संकीर्ण राजनीतिक और वैचारिक लाभ के लिए समाज में पनप रही सांप्रदायिकता और असहिष्णुता के ख़तरों को उजागर करती है। नफ़रत फैलाने वालों को खुली छूट देने और देश का ध्रुवीकरण करने का दोष सरकार और मीडिया दोनों को जाता है। हम अपने देशवासियों से इस दुःख की घड़ी में शांति, सद्भाव और एकजुटता बनाए रखने की अपील करते हैं।
यह बात स्पष्ट रहनी चाहिए कि ऐसी घटना किसी भी तरह से इस्लाम और पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) की शिक्षाओं को नहीं दर्शाती है, जो दया और परोपकार के स्रोत हैं। उन्होंने मानवता को एक-दूसरे से प्यार और सहानुभूति करना सिखाया और अपने कट्टर दुश्मनों को भी माफ़ कर दिया था।
न ही यह घटना भारतीय मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है, जो नफ़रत का सब से अधिक शिकार है और सांप्रदायिकता के ख़िलाफ़ लड़ाई में सबसे आगे रहा है। ऐसे जघन्य अपराध के बहाने मुस्लिम समुदाय को प्रताड़ित करना केवल समस्या को बढ़ाएगा, उसे हल नहीं करेगा।