Roznama Khabrein
No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
اردو
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
No Result
View All Result
No Result
View All Result
Home विचार

वो देश को ग्रह युध्द की तरफ़ धकेलना चाहते हैं!

RK News by RK News
December 25, 2021
Reading Time: 1 min read
0
वो देश को ग्रह युध्द की तरफ़ धकेलना चाहते हैं!

लेखक : भाषा सिंह

RELATED POSTS

अहमदाबाद: एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो कर, दो टुकड़ों में टूटा,242 यात्रियों में53 ब्रिटिश,

Waqf पर सुनवाई:केंद्र ने कहा- वक्फ अधिनियम के प्रमुख प्रावधान जारी रहेंगे, सुप्रीम कोर्ट  अब 20 मई को मामले की सुनवाई करेगा

गजा और शान्ति:अमेरिका की दोहरी नीति, दोहरा चरित्र

देश को गृह युद्ध में धकेलने की साजिशें बहुत तेज़ हैं। इसके लिए अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ, बहुसंख्यक आबादी में नफ़रत की धार को तेज़ किया जा रहा है। भीड़ द्वारा हिंसा करने, एक इंसान को पीट-पीटकर मार डालने को जायज़ ठहराने वालों की तादाद में अब बहुतेरे धर्मावलंबी शामिल हो चुके हैं। और सबसे बड़े खतरे की बात यह कि सार्वजनिक मंचों से धर्म के नाम पर आयोजित इन जमावड़ों में मुसलमानों की हत्या करने के अह्वान, हथियारों के प्रदर्शन और अंत में हिंदू राष्ट्र को बनाने के लिए प्रतिज्ञा ली जाती है, इनका टेलिकास्ट किया जाता है और गैर-भाजपा वाले दलों में भी कोई उबाल नहीं आता। सब कुछ सोशल मीडिया पर जानबूझकर दिखाया जाता है, शेयर किया जाता है, हत्यारों और हत्या को धर्म की रक्षा के लिए पर्याय बनाने वाले अधर्मियों को समाज के नेता के तौर पर पेश किया जाता है, और तमाम राजनीतिक दलों को सांप सूघ जाता है। यह अकारण नहीं है। गैर-भाजपा दलों का नरसंहार के लिए उकसाने वालों पर पहल न लेना, प्रतिक्रिया देने में भी कोताही करना, बहुत देर बाद संभल-संभल कर जगना- बताता है कि इस नरसंहार व नफरत पर आधारित राजनीति ने कितनी पैठ बना ली है।

हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर 2021 तक चली इस बैठक को धर्म संसद का नाम देने वाले वे सारे उन्मादी मारने-काटने की बात करने वाले, खुद को स्वामी और साध्वी कहलाने वाले शख्स दरअसल समाज को उग्र हिंदु राष्ट्र के लिए तैयार करने का तो काम कर ही रहे हैं, साथ ही आगामी विधानसभा चुनावों के लिए जहरीला ध्रुवीकरण कर रहे हैं। इसका राजनीतिक एजेंडा साफ है- हिंदू-मुसलमान में नफरत-मार-काट मचाकर सीटों का समीकरण भाजपा के पक्ष में करना। उत्तर प्रदेश हो या उत्तराखंड—दोनों ही जगह जमीन से भाजपा के लिए माहौल अच्छा नहीं है। लोगों में नाराजगी बड़े पैमाने पर है। ऐसे में हिंदू खतरे में हैं, का जाप करके तमाम मुद्दों को पीछे ढकेलना—तात्कालिक मकसद इस तरह के जमावड़ों का है।

लेकिन यहां तैयारी तात्कालिक से ज्यादा दूरगामी लक्ष्यों की है। जिसे नफरत में सने इस तीन दिन के आयोजन में तबरीबन हर वक्ता ने दोहराया। मुसलमानों के नरसंहार का पूरा ब्लू प्रिंट लेकर ये आयोजन हुआ। हिंदुओं के शौर्य को ललकारने के लिए ऐसे-ऐसे डॉयलॉग मारे गये, जिसे सुनकर लगता ही नहीं कि हमारी सभ्यता इतना लंबा सफर तय करके यहां तक पहुंची है। हथियारों की खरीद, तलवार नहीं आधुनिक हथियारों से मारने, 100-200 लोगों द्वारा लाखों को निपटाने की बात मंच से तमाम देश के खिलाफ, संविधान के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाले वक्ता ऐसे कर रहे थे, मानो आपस में ही होड़ लगी है कि कौन कितने बड़े पामाने पर हिंसा के लिए लोगों को उकसा सकता है। एक नरसंहार बेचने वालों के जमावड़े के वीडियो देखकर मानवता भी सिहर उठे।
यहां दो चीजें और ध्यान देने वाली हैं। पहली तो यह कि इस खून के प्यासे जमावड़े को पढ़ाई-लिखाई से भी खासी दिक्कत है। वह बार-बार चिल्लाते हैं कि किताब नहीं, पढ़ाई नहीं-हथियार चाहिए, युद्ध का साजो-सामान चाहिए। जीवन में बुनियादी खुशियों पर खर्चा नहीं मुसलमानों को मारने के लिए आधुनिक-महंगे वाले तौर-तरीके चाहिए। साथ ही हिंदुओं द्वारा ज्यादा बच्चे न पैदा करने पर गहरा मलाल हर उन्मादी वक्ता को था। मजे की बात है कि ये सारे के सारे घर-गृहस्थी से दूर, बच्चे पैदा करने, पालने से तो बहुत दूर—पारिवारिक जिम्मेदारियों से भगोड़े लोगों की जमात के सदस्य हैं। ये सब दूसरे के बच्चों को गृह युद्ध में ढकेलेने को आतुर हैं।

इसके साथ ही एक बात और स्पष्ट हो गई कि देश के संविधान को बदलने की जरूरत इस उन्मादी भीड़ को नहीं है। क्योंकि वह इसे मानते नहीं, और चूंकि उन्हें पता है कि जो लोग सत्ता में बैठे हैं, वे उन्हीं का एजेंडा चला रहे हैं, लिहाजा उन्हें कोई छू नहीं सकता, चाहे वे संविधान जलाए, भगवा संविधान करें, गांधी की तस्वीर पर गोली मारकर गोडसे जिंदाबाद का नारा लगायें—उन्हें सब की छूट है।

जिस तरह से आवंटित सार्वजनिक जगहों पर नमाज पढ़ने से रोका जा रहा है और इसे हरियाणा राज्य के मुख्यमंत्री का खुला समर्थन हासिल है, जिस तरह से चर्चों पर हमले हो रहे हैं, क्रिसमस से पहले ही आयोजनों पर रोक लगाई जा रही है, रात का कर्फ्यू कर दिया गया है—उससे साफ है कि इस राज्य मशीनरी ने अपने घुटने फासीवादी ताकतों के आगे टेक दिये हैं। हिंसा को धार्मिक व राजनीतिक वैधता प्रदान करने के क्रूर दौर से भारतीय लोकतंत्र गुज़र रहा है।

(लेखिका वरिष्ठ पत्रकार हैं। विचार व्यक्तिगत हैं।)

साभार : न्यूज़ क्लिक हिंदी

Tags: BJP IndiaIndian GovernmentModi Sarkar
ShareTweetSend
RK News

RK News

Related Posts

विचार

अहमदाबाद: एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो कर, दो टुकड़ों में टूटा,242 यात्रियों में53 ब्रिटिश,

June 12, 2025
विचार

Waqf पर सुनवाई:केंद्र ने कहा- वक्फ अधिनियम के प्रमुख प्रावधान जारी रहेंगे, सुप्रीम कोर्ट  अब 20 मई को मामले की सुनवाई करेगा

May 15, 2025
विचार

गजा और शान्ति:अमेरिका की दोहरी नीति, दोहरा चरित्र

May 12, 2025
विचार

ईस्ट इंडिया कंपनी भले खत्म हो गई, उसका डर फिर से दिखने लगा!

November 6, 2024
विचार

इस्लामोफोबिया से मुकाबला बहुत पहले शुरू हो जाना था:–राम पुनियानी

September 16, 2024
विचार

क्या के.सी. त्यागी द्वारा इजरायल को हथियारों की आपूर्ति रोकने के आह्वान के कारण उन्हें अपना पद गँवाना पड़ा?

September 5, 2024
Next Post
पी एम ने कहा, औरंगज़ेब के खिलाफ़ गुरु तेग बहादुर की हिम्मत दहशतगर्दी के विरूद्ध लड़ना सिखाती है

पी एम ने कहा, औरंगज़ेब के खिलाफ़ गुरु तेग बहादुर की हिम्मत दहशतगर्दी के विरूद्ध लड़ना सिखाती है

नफरत का बहुसंख्यकवाद

नफरत का बहुसंख्यकवाद

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended Stories

प्रमुख इस्लामी विद्वान मौलाना मुहम्मद यूसुफ इस्लाही नहीं रहे

प्रमुख इस्लामी विद्वान मौलाना मुहम्मद यूसुफ इस्लाही नहीं रहे

December 21, 2021
मध्य प्रदेश के 34 वर्षीय एक मुस्लिम व्यक्ति ने हनुमान मंदिर के लिए अपनी जमीन दी दान

मध्य प्रदेश के 34 वर्षीय एक मुस्लिम व्यक्ति ने हनुमान मंदिर के लिए अपनी जमीन दी दान

June 15, 2022
ज़ाकिर नाइक के संगठन आईआरएफ पर बाज़ाबता प्रतिबंध, मुस्लिम युवा इस संगठन से दूर रहें: एटीएस प्रमुख

ज़ाकिर नाइक के संगठन आईआरएफ पर बाज़ाबता प्रतिबंध, मुस्लिम युवा इस संगठन से दूर रहें: एटीएस प्रमुख

December 18, 2021

Popular Stories

  • मेवात के नूह में तनाव, 3 दिन इंटरनेट सेवा बंद, 600 परFIR

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • दिल्ली में 1396 कॉलोनियां हैं अवैध, देखें इनमें आपका इलाका भी तो नहीं शामिल ?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • कौन हैं जामिया मिलिया इस्लामिया के नए चांसलर डॉक्टर सैय्यदना सैफुद्दीन?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • NCERT Recruitment 2023 में नौकरी पाने का जबरदस्त मौका, कल से शुरू होगा आवेदन, जानें तमाम डिटेल

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • पकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में महिला यूट्यूबर ज्योति गिरफ्तार, पूछताछ में किए बड़े खुलासे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • नूपुर को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा- बयान के लिए टीवी पर पूरे देश से माफी मांगे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
Roznama Khabrein

The Roznama Khabrein advocates rule of law, human rights, minority rights, national interests, press freedom, and transparency on which the newspaper and newsportal has never compromised and will never compromise whatever the costs.

More... »

Recent Posts

  • नई दिल्ली:नेवी का क्लर्क विशाल  जासूसी के आरोप में गिरफ्तार, पाक महिला हैंडलर ‘प्रिया शर्मा’ को गोपनीय सैन्य जानकारी दी
  • SCO में चीन-पाक का खेल: पहलगाम की जगह बलूचिस्तान का नाम… भारत का जॉइंट स्टेटमेंट पर साइन से इनकार
  • इजराइल-ईरान और अमेरिका:12 दिन की war में किस को कितना फायदा व नुक्सान:report

Categories

  • Uncategorized
  • अन्य
  • एजुकेशन
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • विचार
  • समाचार
  • हेट क्राइम

Quick Links

  • About Us
  • Support Us
  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • Grievance
  • Contact Us

© 2021 Roznama Khabrein Hindi

No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو

© 2021 Roznama Khabrein Hindi