नई दिल्ली: दिल्ली से रविवार को जब NIA की टीम मध्य प्रदेश पहुंची तो मीडिया चैनलों के स्क्रीन पर फ्लैश होने लगा कि NIA ने दो लोगों को हिरासत में लिया है और इनके तार ISIS से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है. कुछ मीडिया चैनलों ने स्लीपर सेल तो कुछ ने खुद से ही आतंकवादी घोषित कर दिया. लेकिन, सोमवार को NIA ने उन दोनों युवकों ( जुबैर मंसूर और हाफिज अनस) को पूछताछ के बाद छोड़ दिया. इसकी जानकारी खुद मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दी।
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि NIA ने दो युवकों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की. उसके बाद उन्हें छोड़ दिया. बताया जा रहा है कि इन युवकों द्वारा टेलीग्राम के व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्तता पाई गई थी, जिसको लेकर NIA ने इनसे पूछताछ की और इनके मोबाइल और लैपटॉप का क्लोन बनाकर अपने साथ ले गई.
NIA ने बिहार के फुलबारी घटना के सिलसिले में मध्यप्रदेश के भोपाल और रायसेन में दबिश दी थी. भोपाल की ताजुल मसाजिद से जुबैर मंसूरी और गांधी नगर के अब्बास नगर से हाफिज अनस को पकड़ा था. NIA ने 6 राज्यों के 13 जिलों में दबिश दी है. कार्रवाई में आपत्तिजनक दस्तावेज और सामग्री जब्त की गई है इस दौरान मीडिया के बड़े सेक्शन ने पूर्व ग्रह मेंटालिटी के तहत शोर मचाना शुरू कर दिया था कि दो आतंकी पकड़े गए हालांकि जब तक जुर्म साबित नहीं होता किसी को मुजरिम नहीं कहा जा सकता बल्कि वह मुलजिम होता है मीडिया के इस तरह के प्रोपेगेंडा और संप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने वाली डिबेट पर खुद सुप्रीम कोर्ट कई बार सख्त नुक्ताचीनी कर चुका है