नई दिल्ली: पीएफआई से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तुलना करके पटना के एसएसपी ने नया विवाद शुरू कर दिया है, एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि जैसे आरएसएस की शाखा में ट्रेनिंग दी जाती है, उसी तरह पीएफआई भी अपने लोगों को शारीरिक प्रशिक्षण और मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देती है।
इस बयान पर बीजेपी आग बबूला हो गई है और एसएसपी को हटाने की मांग कर रही है। वहीं, आरजेडी और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा एसएसपी के समर्थन में आ गए हैं।
पटना के फुलवारीशरीफ में पीएफआई के दफ्तर पर पुलिस छापेमारी की थी, जिसमें आतंकी ट्रेनिंग सेंटर का खुलासा हुआ है। इस सिलसिले में हुई एक प्रेस कांफ्रेंस में एसएसपी ने कहा कि अनुसंधान बिल्कुल प्रारंभिक स्टेज पर है। पता चला है कि संगठन मस्जिद और मदरसों से युवाओं को मोबिलाइज करती थी और कट्ट्ररता की तरफ ये कार्यशील थे। जैसे आरएसएस की शाखा में लाठी की ट्रेनिंग दी जाती है।
उसी तरह से ये फिजिकल एजुकेशन के नाम से युवाओं को बुलाकर उन्हें प्रसिक्षण दे रहे थे। इस तरह जो उनका एजेंडा है, प्रोपेगैंडा है उसके माध्यम से वो युवाओं का ब्रेनवॉश कर रहे थे।
प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि पटना के एसएसपी पीएफआई के प्रवक्ता की तरह बोल रहे हैं। उन्हें एसएसपी के पद से हटा दिया जाना चाहिए।
बीजेपी नेता हरीश भूषण ठाकुर ने माफी की मांग करते हुए कहा कि यह बयान एसएसपी के मानसिक दिवालियापन को दिखाता है और सरकार को उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए।