समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को जनता दल (यूनाइटेड) के नेता नीतीश कुमार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए कहा क्योंकि “एक समाजवादी” को जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माला चढ़ाने से रोका गया।
लखनऊ में अधिकारियों ने गुरुवार को उन्हें प्रतिमा तक जाने से रोक दिया था, जिसके बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। यूपी के अधिकारियों ने कहा कि वहां जीव-जन्तु घूम रहे हैं। अखिलेश को वहां खतरा हो सकता है। इसलिए अखिलेश को वहां नहीं जाना चाहिए। यूपी सरकार के इस पत्र की आड़ में अखिलेश ने योगी की पुलिस ने जेपी सेंटर जाने से रोक दिया
अखिलेश को जाने से रोकने का बहाना सचमुच मजेदार है। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने सपा को लिखा है कि जेपी नारायण कन्वेंशन सेंटर परियोजना निर्माणाधीन है। पत्र में लिखा गया है- ”निर्माण सामग्री अव्यवस्थित तरीके से रखी गई है और बरसात का मौसम होने के कारण अवांछित जीव-जंतुओं की मौजूदगी की आशंका है। सुरक्षा की दृष्टि से यह स्थल पूर्व सीएम अखिलेश यादव के दर्शन/मालार्पण के लिए उपयुक्त नहीं पाया गया है।” बता दें कि अखिलेश के पास जेड-प्लस सुरक्षा है।
बहरहाल, अखिलेश ने शुक्रवार 11 अक्टूबर को कहा- “कई समाजवादी लोग सरकार में हैं और सरकार को जारी रखने में मदद कर रहे हैं। बिहार के सीएम नीतीश कुमार उनके (जय प्रकाश नारायण) आंदोलन से उभरे हैं, यह नीतीश कुमार के लिए उस सरकार से समर्थन वापस लेने का मौका है जो एक समाजवादी को जयप्रकाश नारायण को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिएअनुमति नहीं दे रही है।”
इस बीच बीजेपी नेता शाजिया इल्मी ने कहा कि अखिलेश यादव को ऐसे राजनीतिक स्टंट से बचना चाहिए। शाजिया ने कहा- “अगर वह जय प्रकाश नारायण को ईमानदार श्रद्धांजलि देना चाहते हैं, तो वह उन पार्टियों के साथ अपना गठबंधन तोड़ देंगे, जिनके खिलाफ जय प्रकाश जी ने आपातकाल के दौरान आवाज उठाई और जेल गए… उन्हें यह भी पता है कि काम चल रहा है और सम्मान देने के और भी तरीके हैं।”