नई दिल्ली: देश में आटा, चावल और अन्य खाद्य वस्तुओं को पहली बार टैक्स के दायरे में लाया गया और इनकी कीमतें बढ़ गईं, आजाद भारत में अनाज पर पहली बार टैक्स लगा है।
अब इसके खिलाफ कारोबारी देशव्यापी प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं, विश्लेषकों का मानना है कि खाद्य वस्तुओं को जीएसटी के दायरे में लाने से महंगाई बढ़ेगी और इसका खामियाजा गरीबों को भुगतना पड़ेगा।
एक करोड़ से अधिक छोटे दुकानदारों और थोक विक्रेताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के अध्यक्ष प्रवीण खंडेलवाल ने कहा है कि खाद्य उत्पादों पर 5 प्रतिशत जीएसटी और अन्य घरेलू वस्तुओं पर टैक्स में वृद्धि ने जनता और व्यापारियों पर महंगाई का बोझ बढ़ा दिया है।
पहले से पैक और लेबल किए हुए दही, लस्सी और मुरमुरे (मुरी) जैसी रोजमर्रा की खपत वाली वस्तुओं पर अब 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा।