Roznama Khabrein
No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
اردو
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
No Result
View All Result
No Result
View All Result
Home विचार

अंधेरगर्दी पर सर्वोच्च न्यायालय की मुहर

RK News by RK News
August 2, 2022
Reading Time: 1 min read
0
अंधेरगर्दी पर सर्वोच्च न्यायालय की मुहर

योगेंद्र यादव

RELATED POSTS

आखिरकार चंद्रचूड़ ने हिंदुत्व के प्रति अपनी निष्ठा साबित कर दी…

बिहार चुनाव 2025:इस बार मुसलमान नितीश बाबू के “अरमान”पूरे करेंगे?

मौलाना तौकीर रजा की गिरफ्तारी, इक्का-दुक्का आवाज़ें,हर तरफ सन्नाटा!

सुबह का वक्त है। दरवाजे पर जोर से घंटी बजती है। दरवाजा खोलने पर आपको अफसर नुमा लोग दिखाई देते हैं: “हम ईडी से आए हैं। आपको पूछताछ के लिए हमारे साथ चलना होगा, अभी।” उनके दफ्तर पहुंचने पर आप से पूछा जाता है: “क्या आपने पिछले साल अपना एक प्लॉट एक गुप्ता जी को बेचा था?” था आप कहते हैं: “हाँ, मेरा अपना प्लॉट था, कोई विवादित संपत्ति नहीं थी। एक नंबर में बेचा था, कोई ब्लैक का मामला नहीं है। बाकायदा रजिस्ट्री हुई है, गवाह हैं, सारे प्रमाण हैं।”

उन्हें आपके प्रमाण में कोई दिलचस्पी नहीं है: “आपको पता है कि जिन गुप्ता जी को आपने प्लॉट बेचा था, उस पर 420 का केस है, अपने बिजनेस में धांधली करने का आरोप है?” आप हँसते हैं: “भाई मैंने उसे प्लॉट बेचा है, कन्यादान नहीं किया। प्रॉपर्टी एजेंट ने डील करवाई थी। पेमेंट चेक से मिल रहा था। उनसे, उनके परिवार या बिज़नेस से मेरा कोई लेना देना नहीं है। कुछ महीने पहले मैंने अखबार में पढ़ा था कि उनपर कोई परचा दर्ज हुई है। लेकिन वो हमारी डील से बाद की बात है।” आप सोचते हैं कि गलतफहमी दूर हुई, मामला सुलट गया।

लेकिन अब पहाड़ टूटता है: “लगता है आप PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के बारे में नहीं जानते। इस कानून के तहत आप अपराधी है, चूंकि अपराध की कमाई आपकी जेब में पंहुची है। अब गुप्ता जी ही नहीं, आप भी अपराधी हैं। हम आप को गिरफ्तार कर रहे हैं!” अब आपको याद आता है की पिछले महीने आपकी स्थानीय एसडीएम से कहासुनी हो गई थी। उसने आपको धमकाया था “जेल की चक्की पिसवाऊँगा तुमसे!”

फिर भी आपके होशो हवास कायम हैं: “गिरफ्तार करना है तो एफआईआर तो दीजिये मुझे”। ईडी का अफसर मुस्कुराता है: “हमारे यहां कोई FIR नहीं होता हम। यह पुलिस थाना नहीं है। हमारे यहाँ प्रथमिक रिपोर्ट को ईसीआईआर कहते हैं।” झख मरकर आप आप कहते हैं: “अच्छा भाई, जो भी नाम होता हो, मुझे उसकी कॉपी तो दो।” वे फिर मुस्कुराते हैं: “जी नहीं, ईसीआईआर एक गुप्त दस्तावेज है, अपराधी को नहीं दिया जा सकता। और यह भी सुन लीजिये। आपका मुकदमा CrPC के किसाब से नहीं चलेगा। हमारे अपने नियम हैं। और वह भी गुप्त हैं! ” आप हैरान हैं: “भाई जिसे कत्ल के आरोप में गिरफ्तार किया जाता है FIR तो उसे भी दी जाती है।कोर्ट मार्शल के भी नियम बताये जाते हैं। और सुनिए, मैं आरोपी हूं, अभी से अपराधी नहीं हूं।” अब उनकी मुस्कराहट कुटिल है: “प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट कानून के मुताबिक क्योंकि ईडी ने आप पर शक किया है इसलिए अब आप अपराधी है। अब आपको साबित करना होगा कि आप निर्दोष हैं।” थक कर आप कहते हैं: “भाई, गलती हुई वो प्लाट बेचा। मैं पैसे वापिस कर दूंगा। मेरा प्लाट वापिस कर दो।”लेकिन पता लगता है कि उसके लिए बहुत देर हो चुकी है। अब तो प्लॉट को सरकार ने अटैच कर लिया है, मतलब आप उसे बेच-खरीद नहीं सकते। यूं भी अब अपराध तो हो गया।

अच्छे फंसे! अगले दिन आपका वकील पंहुच गया है। आप जमानत की अर्जी देने को कहते हैं। वो कहता है: “बाबूजी इस मामले में जमानत नामुमकिन समझिये। मतलब यह कि जमानत तभी मिलेगी अगर कोर्ट संतुष्ट हो जाय कि आप के खिलाफ केस झूठा है और यह कि आप आगे से ऐसा अपराध नहीं करेंगे।” आप झुंझला उठते हैं: “मुझे तो यह भी ठीक से नहीं पता कि मेरा अपराध है क्या। मैं साबित कैसे करूंगा कि मैं बेकसूर हूँ? वैसे भी कौन जज गारंटी ले सकता है कि ऐसी दुर्घटना किसी के साथ दोबारा नहीं होगी?” वकील सर झुका के कहता है “इसीलिए मैंने कहा था कि इस मामले में जमानत मिलना नामुमकिन है।”

अब जेल में कई महीने बीत चुके हैं। आप टूट चुके हैं। व्यवसाय में घाटा होना शुरु हो गया है। पड़ोसियों की कानाफूसी और सड़क पर ताने सुन-सुनकर घरवालों और बच्चों ने गली मोहल्ले में बाहर निकलना बंद कर दिया है। आपके दिमाग में बस बार बार एक बात घूमती है: “मैंने तो कुछ किया ही नहीं। मैंने तो बस एक प्लॉट बेचा था। कोई चोरी नहीं की, हेरा फेरी नहीं की। कोई बताये तो कि मेरा अपराध क्या है?” वकील बोलता है: “बाबूजी, सवाल सच-झूठ का नहीं, कानून का है।” आपके हमदर्द समझाते हैं: “पानी में रहकर मगर से बैर नहीं किया जाता। क्या जरूरत थी आईएएस अफसर से पंगा लेने की? आप नहीं जानते यह कानून बना तो था आतंकवाद की फंडिंग को रोकने के लिए, लेकिन पिछले कई सालों में इसे राजनीतिक विरोधियों को ठिकाने लगाने के लिए इस्तेमाल किया गया है। पहले हर साल औसतन 100 से 200 केस हुआ करते थे, लेकिन पिछले तीन साल में इस कानून के तहत 562, फिर 981 और 1180 केस दर्ज किए गए हैं। चने के साथ साथ आप जैसा घुन भी पिस गया।” आपका चेहरा देखकर वकील दिलासा देता है: ” यह मत मानिये की सजा हो जाएगी। जब सुनवाई शुरू होगी, तब हम आपका सच जज साहब के सामने रखेंगे। मुझे पूरा भरोसा है आप निर्दोष हैं और छूटेंगे। अब तक इस कानून में 5400 केस हुए हैं और सिर्फ 23 लोगों को आज तक कोई भी सजा हुई है।”

“लेकिन कब? पांच-दस साल जेल में बिताने के बाद? सारे खानदान का मुंह काला करवाने के बाद? वकील साहब यह तो अंधेरगर्दी है। आप हाई कोर्ट में अपील की तैयारी कीजिए। इस हम इस असंवैधानिक कानून को ही चैलेंज करेंगे।” अब वकील का सर वाकई झुका हुआ था। “बाबूजी यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक जाकर वापस आ गया है। लगता है आप अखबार नहीं पढ़ते। पिछले हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुना दिया है। जस्टिस खानविलकर ने रिटायरमेंट से पहले अपने अंतिम फैसले में इस कानून की सभी धाराओं को सही ठहराया है।अब यही न्याय है।”

यह लेखक के निजी विचार है।

ShareTweetSend
RK News

RK News

Related Posts

विचार

आखिरकार चंद्रचूड़ ने हिंदुत्व के प्रति अपनी निष्ठा साबित कर दी…

October 9, 2025
विचार

बिहार चुनाव 2025:इस बार मुसलमान नितीश बाबू के “अरमान”पूरे करेंगे?

October 3, 2025
विचार

मौलाना तौकीर रजा की गिरफ्तारी, इक्का-दुक्का आवाज़ें,हर तरफ सन्नाटा!

October 1, 2025
विचार

फिलस्तीन पर ज़ुल्मःभारत की खामोशी तटस्थता नहीं है•=सोनिया गांधी का विशेष लेख

September 25, 2025
विचार

भारत को UAPA के खिलाफ एक जन आंदोलन की जरूरत है

September 20, 2025
विचार

क्या क़तर ने हमास को धोखा दिया? इज़रायली हमले के पीछे 3 theories

September 12, 2025
Next Post

जामिया में पांच दिवसीय 'कोविड वेक्सिनेशन अमृत महोत्सव' शुरू

कांग्रेस की नई मीडिया टीम: टीम नई, तेवर नई

कांग्रेस की नई मीडिया टीम: टीम नई, तेवर नई

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended Stories

क्या FIR से सुधर जाएंगे गोदी मीडिया के बाबा और मौलाना?

क्या FIR से सुधर जाएंगे गोदी मीडिया के बाबा और मौलाना?

June 10, 2022

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली दंगों की साजिश मामले में तीन छात्र नेताओं को मिली जमानत के खिलाफ दिल्ली पुलिस की चुनौती खारिज की

May 2, 2023

भारत ने पहली बार माना- पाकिस्तान से संघर्ष में कुछ लड़ाकू विमान नष्ट हुए थे ,सीडीएस चौहान का बयान सामने आया

May 31, 2025

Popular Stories

  • दिल्ली में 1396 कॉलोनियां हैं अवैध, देखें इनमें आपका इलाका भी तो नहीं शामिल ?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • मेवात के नूह में तनाव, 3 दिन इंटरनेट सेवा बंद, 600 परFIR

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • कौन हैं जामिया मिलिया इस्लामिया के नए चांसलर डॉक्टर सैय्यदना सैफुद्दीन?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • NCERT Recruitment 2023 में नौकरी पाने का जबरदस्त मौका, कल से शुरू होगा आवेदन, जानें तमाम डिटेल

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • पकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में महिला यूट्यूबर ज्योति गिरफ्तार, पूछताछ में किए बड़े खुलासे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • नूपुर को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा- बयान के लिए टीवी पर पूरे देश से माफी मांगे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
Roznama Khabrein

The Roznama Khabrein advocates rule of law, human rights, minority rights, national interests, press freedom, and transparency on which the newspaper and newsportal has never compromised and will never compromise whatever the costs.

More... »

Recent Posts

  • बिहार: महागठबंधन में फूट! इन 8 सीटों पर “friendly figh”होगी
  • हिंसा,मॉब-लिंचिंग और गौरक्षकों पर तहसीन पूनावाला दिशानिर्देशों की उपेक्षा निंदनीय :मौलाना महमूद मदनी
  • छत्तीसगढ़ में भी “अवैध”धर्मांतरण के खिलाफ“कठोर”विधेयक लाने का बीजेपी सरकार का फैसला

Categories

  • Uncategorized
  • अन्य
  • एजुकेशन
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • विचार
  • समाचार
  • हेट क्राइम

Quick Links

  • About Us
  • Support Us
  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • Grievance
  • Contact Us

© 2021 Roznama Khabrein Hindi

No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو

© 2021 Roznama Khabrein Hindi