नई दिल्ली: यूपी की रामपुर सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान कई मीडिया रिपोर्ट्स आईं जिसमें बताया गया कि प्रशासन लोगों को वोट डालने से रोक रहा है. वहीं शाम होते-होते एक खबर और आई जिसमें स्थानीय पुलिस द्वारा पत्रिका अखबार को दो पत्रकारों के साथ मारपीट की गई और उनके माइक-कैमरा तोड़ दिया गया.
पत्रिका के पत्रकार विकास सिंह और अंकुर सिंह उपचुनाव को कवर करने के लिए रामपुर पहुंचे थे. उनका आरोप है कि इस दौरान उनके साथ बदसलूकी की गई. पत्रकारों को करीब छह घंटे तक रामपुर के गंज थाने में पुलिस ने बैठाकर रखा. उन्हें करीब 10 बजे छोड़ा गया.
विकास सिंह बताते हैं, “रामपुर उपचुनावों में पुलिस मुस्लिम वोटर्स को वोट डालने से रोक रही थी. इसको लेकर हमने फेसबुक लाइव किया जिसके बाद वहां बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी आ गए. इस दौरान जिन लोगों को वोट नहीं डालने दिया गया उनके साथ आजम खान के बेटे और विधायक अब्दुल्ला खान रामपुर के एएसपी संसार सिंह से बात करने लगे.”
सिंह आगे बताते हैं, “जब एएसपी बात कर रहे थे तो वहां हमने उनके आगे माइक लगाया जिसके बाद एएसपी भड़क गए और बोलने लगे.. “तुम मीडिया वाले बिके हुए हो”.. इसी दौरान बहस हो गई. जिसके बाद वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने मेरे साथी के साथ मारपीट की और कैमरा तोड़ दिया.”
अब्दुल्ला आजम ने विकास सिंह को पकड़ लिया इसलिए पुलिस ने उन्हें नहीं मारा. पुलिस दोनों पत्रकारों को गंज थाने लेकर गई. जहां विकास सिंह के मोबाइल से सब कुछ डिलीट कर दिया गया.