रामचरितमानस पर राजद और सपा नेताओं के विवादास्पद बयानों के कारण विश्व हिंदू परिषद ने चुनाव आयोग से मांग की है कि इन दलों की मान्यता रद्द कर दी जाए.
वीएचपी के ट्विटर हैंडल से जारी एक बयान में बताया गया है कि उनका एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही चुनाव आयोग से मिलकर इन दोनों दलों की मान्यता रद्द करने की मांग करेगा.
विहिप के प्रमुख आलोक कुमार ने राजनीतिक प्रतिनिधित्व क़ानून, 1951 की धारा 29ए का ज़िक्र करते हुए आरोप लगाया है कि वो आयोग को बताएगा कि इन दलों ने संविधान के पंथनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन किया है.
पिछले कुछ दिनों में बिहार के शिक्षा मंत्री और राजद नेता डॉ. चंद्रशेखर ने रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों की आलोचना करते हुए इस काव्य ग्रंथ पर प्रतिबंध लगाने की मांग की.
वहीं उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी रामचरितमानस की आलोचना की थी.इन आलोचनाओं के बाद बीजेपी भी इन नेताओं पर निशाना साध चुकी है.