नई दिल्ली: राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा दक्षिण भारत से शुरू की तो वह अनायास हुआ फैसला नहीं था, बल्कि बहुत सोच समझ कर किया गया था।
प्रियंका गांधी वाड्रा भी पूरे दक्षिण भारत में यात्रा में कहीं शामिल नहीं हुईं लेकिन दक्षिण से निकलते ही वे मध्य प्रदेश में अपने पति व बेटे के साथ यात्रा में शामिल हुईं तो राजस्थान में पति और बेटी के साथ उन्होंने यात्रा की। आगे भी जिन राज्यों में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा जाएगी वे वहां शामिल हो सकती हैं।
उन्होंने उत्तर प्रदेश के पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में जम कर प्रचार किया और कांग्रेस चुनाव भी जीती। सो, ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस अगले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के बीच जिम्मेदारी बांटने वाली है।
राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे और दक्षिण भारत की जिम्मेदार संभालेंगे, जबकि प्रियंका गांधी वाड्रा रायबरेली सीट से चुनाव लड़ेंगी और उत्तर भारत में पार्टी की कमान संभालेंगी। हालांकि इसका यह मतलब नहीं है कि राहुल उत्तर भारत के राज्यों में प्रचार नहीं करेंगे। वे भारत जोड़ो यात्रा से पार्टी के सर्वोच्च नेता के तौर पर उभरे हैं और पार्टी उनकी नई छवि का पूरा इस्तेमाल प्रचार में करेगी।
यह भी कहा जा रहा है कि राहुल गांधी दक्षिण भारत के कांग्रेस नेताओं और प्रादेशिक क्षत्रपों के साथ ज्यादा सहज हैं। असल में कांग्रेस की योजना दक्षिण भारत में मिली सीटों को बचाते हुए उसे बढ़ाने की है। ध्यान रहे कांग्रेस के 52 में से आधे सांसद दक्षिण के तीन राज्यों से हैं। केरल के 15, तमिलनाडु से आठ और तेलंगाना से तीन।
अगर कांग्रेस इसे बचा लेती है और कर्नाटक व आंध्र प्रदेश में कुछ सीटें हासिल करती है तो ओवरऑल उसके सांसदों की संख्या बढ़ सकती है। दक्षिण के इन पांच राज्यों के अलावा महाराष्ट्र से भी कांग्रेस को बड़ी उम्मीद है