बेंगलुरु: चुनाव स्टंट या हिंदुत्व एजेंडा:कर्नाटक में हिजाब पर प्रतिबंध के बाद एक और बड़ा विवाद खड़ा होता दिख रहा है, सत्तारूढ़ भाजपा के एक नेता विधानसभा चुनाव से एक साल पहले हलाल मांस पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक की योजना बना रहे हैं. सोमवार से शुरू हुए विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस मामले पर हंगामे के आसार हैं. कांग्रेस बिल का विरोध करने के लिए तैयार है.
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार का कहना है कि अभी यह तय करना बाकी है कि वह बिल वापस करेगी या नहीं. समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के हवाले से कहा गया है, “देखते हैं कि यह कब आता है. निजी सदस्य विधेयक की अपनी स्थिति है. हम देखेंगे कि यह क्या है.”विधानसभा के ऊपरी सदन के सदस्य, भाजपा के रवि कुमार, जो निजी तौर पर विधेयक पेश कर रहे हैं, उन्होंने दावा किया है कि हलाल प्रमाणीकरण मुस्लिम निकायों द्वारा किया जाता है जो “प्रमाणन के लिए भारी शुल्क लेते हैं” और इससे भारी मुनाफा कमा रहे हैं.
यह कहते हुए कि इन मुस्लिम निकायों की “पहचान और स्थिति” स्पष्ट नहीं है, बिल का प्रस्ताव है कि “हलाल प्रमाणीकरण पर प्रतिबंध लगाया जाए, जब तक कि मान्यता प्राप्त प्राधिकरण नियुक्त न हो जाए.”
हलाल मांस पर विवाद, जहां इस्लामिक धार्मिक विनिर्देशों के अनुसार जानवरों का वध किया जाता है. इस साल की शुरुआत में एक भाजपा नेता ने इसे “आर्थिक जिहाद” कहा था. कई दक्षिणपंथी संगठनों ने नवरात्रि और उगादी त्योहारों के दौरान हलाल मांस परोसने वाले भोजनालयों के बहिष्कार का भी आह्वान किया था.