नई दिल्ली ( आरके ब्यूरो,)उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 48 घंटे से थोड़ा ज्यादा समय रही और उसके बाद हरियाणा में प्रवेश कर गई। तीन जनवरी की शाम को राहुल की यात्रा गाजियाबाद पहुंची थी और पांच जनवरी की शाम को हरियाणा पहुंच गई। लेकिन इन 48 घंटों में जितनी हलचल हुई और जितने तरह के राजनीतिक घटनाक्रम हुए हैं वैसा पूरे चार महीने की यात्रा में नहीं हुआ। किसी को अंदाजा नहीं था कि राहुल देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की सीमा को छूकर निकलेंगे और इतनी हलचल मच जाएगी। उत्तर प्रदेश के 75 जिले हैं, जिनमें से सिर्फ तीन जिलों में राहुल की यात्रा गई और 403 विधानसभा सीटों में से सिर्फ 11 क्षेत्रों से गुजरी है।
लेकिन इतने भर से राहुल की यात्रा को पूरा महत्व मिला है और कांग्रेस नेता उम्मीद कर रहे हैं कि इसका मैसेज पूरे प्रदेश में जाएगा। प्रदेश की दोनों विपक्षी पार्टियों- सपा और बसपा ने कांग्रेस के न्योते पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। हालांकि दोनों पार्टियों के नेता यात्रा में शामिल नहीं हुए लेकिन अखिलेश यादव और मायावती दोनों ने यात्रा के उद्देश्य की तारीफ की और शुभकामना दी। राष्ट्रीय लोकदल ने अपनी सहयोगी सपा से अलग न सिर्फ शुभकामना संदेश दिया, बल्कि उसके नेता और कार्यकर्ता यात्रा में शामिल हुए। भारतीय किसान यूनियन के नेता और कार्यकर्ता भी राहुल के साथ यात्रा में जुड़े। ध्यान रहे राहुल और कांग्रेस पार्टी दोनों ने किसान आंदोलन को समर्थन दिया था। उसके बाद पहली बार राहुल किसान आंदोलन का केंद्र रहे क्षेत्र से गुजरे, जहां किसानों ने उनका स्वागत और समर्थन किया
कांग्रेस पार्टी के लिए सबसे हैरान करने वाला घटनाक्रम यह रहा है कि दो बड़े हिंदुवादी शख्सियतों ने उनकी यात्रा का समर्थन किया और उनको शुभकामना दी। पहले राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास ने चिट्ठी लिख कर राहुल की यात्रा का समर्थन किया और यात्रा की सफलता के लिए शुभकामना दी। उसके बाद विश्व हिंदू परिषद के बड़े नेता और राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने राहुल गांधी का समर्थन किया और शुभकामना दी। उन्होंने कहा कि वे भगवान राम से प्रार्थना करेंगे कि वे राहुल को आशीर्वाद दें कि उनकी यात्रा सफल हो। चंपत राय ने राहुल की यात्रा को देशहित में बताया।
सोचें, एक तरफ राहुल गांधी लगाकार राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ पर हमले कर रहे हैं लेकिन दूसरी ओर संघ के बड़े नेता ने उनका समर्थन किया। दूसरे, भारतीय जनता पार्टी के नेता सवाल उठा रहे हैं कि देश टूटा कहा हैं, जो राहुल गांधी देश जोड़ने की यात्रा कर रहे हैं। लेकिन आरएसएस और विहिप के बड़े पदाधिकारी ने उनकी भारत जोड़ो यात्रा को देशहित में बताया और प्रेम व सद्भाव के लिए जरूरी बताया। जाहिर है आखिरी चरण तक आते आते राहुल गांधी की यात्रा असर छोड़ने लगी है।