INDIA’ गठबंधन नंबर गेम नहीं जीत सकता लेकिन विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव से कुछ सकारात्मक नतीजों की कोशिश कर सकता है.
मणिपुर संकट और अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरना.
कैसरगंज से बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण सिंह के सत्ता पक्ष में होने की संभावना है, इसलिए विपक्ष इस मौके का उपयोग महिला पहलवानों द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को उठाने के लिए कर सकता है.
एक असमान मीडिया परिदृश्य में जहां न्यूज चैनल सरकार के नजरिए को बेमेल कवरेज देते हैं, अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष के तर्कों पर भी ध्यान केंद्रित करने के लिए एक उपयोगी मंच हो सकता है.
यह नवगठित ‘INDIA’ की एकता को मजबूत करने और इसे एक सटीक उद्देश्य के साथ एकजुट गठबंधन के रूप में प्रस्तुत करने के लिए भी एक अहम है.
विपक्ष मणिपुर हिंसा से ठीक से नहीं निपटने को लेकर पूर्वोत्तर में बीजेपी के सहयोगियों को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश कर सकता है. सबसे ज्यादा फोकस मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) पर होगा, जिसका लोकसभा में एक सांसद है. मणिपुर में हमलों का सामना कर रहे कुकी-ज़ो समुदाय के प्रति मिजोरम में काफी सहानुभूति है. प्रस्ताव में सरकार के पक्ष में मतदान करने से MNF को घरेलू नुकसान हो सकता है.
यह प्रस्ताव भारत को TRS और BSP से सवाल पूछने में भी मदद करेगा, जो BJP विरोधी वोटों पर दावा करते हैं लेकिन अहम क्षणों में अनुपस्थित भी रहते हैं.
बीजेपी अपनी तरफ से इस प्रस्ताव को नवगठित विपक्षी गठबंधन में दरार पैदा करने के मौके के रूप में उपयोग करने की कोशिश कर सकती है. विशेष रूप से इसकी टारगेट लिस्ट में एनसीपी और शिवसेना-UTB के साथ-साथ जनता दल-यूनाइटेड के बचे सांसद भी होंगे.
वह अकाली दल, तेलुगु देशम पार्टी और जनता दल-सेक्युलर जैसे पूर्व सहयोगियों को भी लुभाने की कोशिश कर सकती है.