पटना: बिहार के सियासी हलको में अटकलों का बाजार गरम है। महागठबंधन में शामिल सातों दलों में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। खासकर आरजेडी और जेडीयू नेताओं के बीच। सीएम की कुर्सी को लेकर दोनों दलों के बीच सियासी रार है। नवभारत टाइम्स में इस पर विस्तार से रिपोर्ट छपी है। अखबार के अनुसार आरजेडी के नेता बार-बार कह रहे हैं कि नीतीश कुमार को सीएम की कुर्सी छोड़कर दिल्ली की सियासत करनी चाहिए। एक तरह से कहा जाए तो नीतीश कुमार पर सत्ता ट्रांसफर करने का दबाव बना रहे हैं। इन सब के बीच नीतीश कुमार ने सियासी पंच मारकर बता दिया है कि कभी भी महागठबंधन के बुरे दिन आ सकते हैं
नवभारत टाइम्स आगे लिखता है कि हाल के दिनों में नीतीश कुमार की बातों और बॉडी लैंग्वेज पर जो भी ध्यान दिया होगा, उसे यही लग रहा होगा कि नीतीश कुमार बिहार में सियासी खेला के लिए मैदान तैयार कर लिया है। नीतीश कुमार ने यह संकेत भी दे दिया है कि उनकी बातचीत बीजेपी के साथ शुरू हो चुकी है। किसी भी वक्त यू टर्न लेकर एक बार फिर बीजेपी के साथ हाथ मिला सकते हैं। रिपोर्ट में 5 बिंदुओं को बनाया गया है जिनसे पता चलता है कि नीतीश क्या सोच रहे हैं
*अमित शाह का आया था फोन
*राजनाथ सिंह ने सीएम नीतीश को किया कॉल
*जन्मदिन पर पीएम मोदी ने दी बधाई
*तमिलनाडु पर बीजेपी के साथ नीतीश कुमार?
*बीजेपी नेता के घर पहुंचे नीतीश कुमार
ऐसे में सवाल उठता है कि ये रिश्ता क्या कहलाता है? नीतीश कुमार सहयोगी आरजेडी पर दवाब बनाने के लिए ‘बीजेपी के साथ’ हैं या अंदरखाने सियासी खिचड़ी पक रही है। या वास्तव में एक बार फिर महागठबंधन के बुरे दिन आने वाले हैं।