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पिछले दो सालों में पुलिस कस्टडी के दौरान सबसे ज्यादा मौतें यूपी में, 233 इनकाउंटर: गृह मंत्रालय

RK News by RK News
July 27, 2022
Reading Time: 1 min read
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पिछले दो सालों में पुलिस कस्टडी के दौरान सबसे ज्यादा मौतें यूपी में, 233 इनकाउंटर: गृह मंत्रालय

नई दिल्ली: एक सवाल के जवाब में मोदी सरकार ने लोकसभा में बताया कि पिछले दो सालों में पुलिस कस्टडी में कुल 4,484 मौतें हुईं, जबकि 233 लोग एनकाउंटर में मारे गए।

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इनमें सबसे ज्यादा यूपी, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश हैं, जहां पुलिस हिरासत में सबसे ज्यादा मौतें दर्ज की गईं, माओवादी प्रभावित छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर में एनकाउंर के कारण सबसे अधिक मौतें दर्ज की गई हैं।

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के सांसद अब्दुस्समद समदानी के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, गृह मंत्रालय ने लोकसभा में यह जानकारी दी है।

एनएचआरसी के आंकड़ों के अनुसार रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें 1 अप्रैल, 2020 से 31 मार्च 2022 तक के आंकड़े पेश किए गए हैं।

इसमें कहा गया कि 2020-21 के दौरान कुल 1,940 मौतें हुईं, जबकि 2021-22 में ऐसे 2,544 मामले दर्ज किए गए।

2020-21 में इस मामले में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर था और इस दौरान 451 लोगों की मौतें हुईं। इसके बाद पश्चिम बंगाल में 185 और मप्र में 163 लोगों की मौत हुई। 2021-22 में यूपी फिर से 501 मौतों के साथ सबसे ऊपर रहा, इसके बाद बंगाल 257 पर और एमपी 201 पर था।

2020-21 में पुलिस एनकाउंटर में 82 मौतें हुईं, जबकि 2021-22 में 151 मामले दर्ज किए गए। 2020-21 में सबसे अधिक पुलिस मुठभेड़ में मौतें माओवादी प्रभावित छत्तीसगढ़ में दर्ज की गईं, जबकि इस दौरान केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में पुलिस एनकाउंटर में 45 मौतें हुई हैं।

मानव अधिकारों के मुद्दे पर मंत्रालय ने कहा कि पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार राज्य के विषय हैं। यह मुख्य रूप से संबंधित राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह नागरिकों के मानवाधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।

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