मुंबई: जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना सय्यद अरशद मदनी ने स्पष्ट रूप से कहा देश की आजादी के बाद कांग्रेस ने जो लचीली नीति अपनाई थी। उससे कांग्रेस और देश दोनों को नुकसान पहूँचा, उन्होंने आगे कहा कि महात्मा गांधी की नृशंस हत्या धर्मनिरपेक्षता की हत्या के बराबर थी और यहीं से देश में साम्प्रदायिक की जड़ें और गहरी ह
मौलाना ने कहा कि साम्प्रदायिकता के खिलाफ कांग्रेस की लचीली नीति का खामियाजा भुगतना पड़ा, कांग्रेस को भी खुद इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। मौलाना मदनी ने कर्नाटक के लिए कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र का जिक्र करते हुये कहा सांप्रदायिक संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया गया है। मौलाना मदनी ने कहा कि अगर यही नीति आजादी के बाद अपनाई गई होती तो देश में यह स्थिति नहीं होती। इस लचीली नीति ने कई ऐसे नेताओं को भी सत्ता में ला दिया जिनकी राजनीतिक विचारधारा कांग्रेस की विचारधारा से भिन्न थी मौलाना मदनी ने कहा की हजरत आदम अलैहिस्सलाम को भी जन्नत से भारत में उतारा गया, दुनिया की तमाम इंसानी नस्लों का मूल भारत है। सभी लोग मनुष्य के रूप में हमारे भाई हैं
उन्होंने धर्मत्याग के प्रलोभन का भी उल्ले
ख किया और कहा कि मुसलमानों को विशेषकर उत्तर भारत के मुसलमानों को धर्मत्याग को रोकने के लिए व्यावहारिक प्रयास के तहत लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग स्कूल और कॉलेज खोलने चाहिए। इसलिए शिक्षा के साथ-साथ धार्मिक शिक्षा की व्यवस्था करनी चाहिए और हमारे कर्म ऐसे होने चाहिए कि देश के हिन्दू भाई भी अपनी लड़कियों को इन शिक्षण संस्थानों में भेजने के लिए मजबूर हों। उन्होंने आगे कहा कि देश का बहुसंख्यक धर्मनिरपेक्ष है, कर्नाटक में हाल ही में हुए चुनाव का उदाहरण देते हुए मौलाना मदनी ने कहा कि यह चुनाव हिंदू-मुस्लिम दुश्मनी के आधार पर लड़ा गया, लेकिन अधिकांश लोगों ने इसे खारिज कर दिया, इसलिए देश की अनमोल और समृद्ध विरासत और इतिहास को जीवित रखना हम सभी का कर्तव्य है। ऐसा करके हम इस्लाम के बारे में फैली भ्रांतियों को दूर कर सकते हैं।