जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस पार्टी के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा चुनाव कश्मीर के नगारिकों का अधिकार हैं, लेकिन यहां के लोग केंद्र सरकार से इसके लिए भीख नहीं मांगेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा अगर इस साल घाटी में चुनाव नहीं होते हैं तो हो। हम भिखारी नहीं हैं।
उमर अब्दुल्ला ने बात को दोहराते हुए कहा मैंने बार-बार कहा है कि कश्मीरी भिखारी नहीं हैं। चुनाव हमारा अधिकार है लेकिन हम इस अधिकार के लिए उनसे भीख नहीं मांगेंगे। वे हमारे लिए चुनाव बहाल करना चाहते हैं, अच्छा। लेकिन अगर वे ऐसा नहीं करना चाहते हैं, तो ऐसा ही करें।
संपत्तियों और राज्य की जमीनों से लोगों को बेदखल करने संबंधी सवाल का जवाब देते हुए उमर ने कहा केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव नहीं करवाने का एक प्रमुख कारण है, कि केंद्र की भाजपा सरकार को पता है कि यहां चुनी हुई सरकार लोगों के जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश करेगी, जबकि वे केवल उनमें नमक छिड़कते हैं। इसलिए वे चुनाव नहीं करा रहे हैं। भाजपा केवल यहां के लोगों को परेशान करना चाहती है। उन्होंने कहा ऐसा लगता है कि लोगों के घावों पर मरहम लगाने के बजाय, उन्हें चोट को और बढ़ाने की आदत है।












