नई दिल्ली: कानपुर में 3 जून 2022 को हुई हिंसा के आरोप में पिछले 2 महीने से जेल में बंद 6 लोग पुलिस कमिश्नर के द्वारा बनाई गयी एसआईटी की जांच में निर्दोष पाए गए हैं।
SIT को अपनी जांच में इन लोगों के हिंसा वाले दिन घटनास्थल पर मौजूदगी के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं, जिनमें से दो लोगों शानू और शारिक को बुधवार, 3 अगस्त की देर शाम जिला जेल से रिहा कर दिया गया।
पुलिस ने इन सभी को शक के आधार पर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इसके बाद से ही गिरफ्तार किए गए लोगों के परिजनों ने पुलिस के आलाधिकारियों को यह याचिका दी गई थी कि उनके द्वारा पकड़े गए व्यक्तियों की दंगे में किसी प्रकार की भूमिका नहीं है, इसकी जांच पुलिस कमिश्नर के द्वारा बनाई गयी एसआईटी को सौंपी गयी।
लगभग 2 महीने बाद पुलिस की जांच में गिरफ्तार किए गए 6 व्यक्तियों निर्दोष पाए गए, जिनमें से दो- शानू और शारिक को रिहा कर दिया गया है जबकि बाकी चार लोगों की रिहाई जल्द होने की उम्मीद है।
जेल से बाहर आये शानू ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिस समय दंगा हुआ था मैं अपने घर पर था लेकिन मुझे 7 जून को उठा लिया गया, मेरे पास CCTV फुटेज के रूप में इस बात का सबूत था कि मैं दंगे के समय अपने घर में मौजूद था।