नई दिल्ली: जमाअत इस्लामी हिन्द के अमीर (अध्यक्ष) सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने गाजा पर हालिया इजरायली हमले की निंदा की है। मीडिया को दिए एक बयान में, जमाअत के अमीर ने कहा: “हम गाजा में हालिया इजरायली बर्बरता की निंदा करते हैं। लक्षित हत्या को अंजाम देने का बहाना बना कर इजरायली रक्षा बलों ने गाजा के रफा शरणार्थी शिविर पर हमला किया जिसमें 15 बच्चे और 4 महिला सहित 43 नागरिक मारे गए। 300 से अधिक फिलिस्तीनी घायल हुए हैं। हम कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत के बयान का समर्थन करते हैं जिन्होंने कहा कि: “इजरायल यह दावा नहीं कर सकता कि वह इस संघर्ष में अपना बचाव कर रहा है। गाजा में इजराइल का हवाई हमला न केवल अवैध है बल्कि गैर जिम्मेदाराना है।” वास्तव में, हमें लगता है कि निर्दोष नागरिकों पर ये हमले युद्ध अपराधों के बराबर हैं, और इस अक्षम्य क्रूरता के लिए इजराइल को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के समक्ष जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और इसकी सजा मिलनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि “क्या यह पाखण्ड और दोहरा पैमाना नहीं है कि पश्चिमी दुनिया इजराइल कि बर्बरता और मानवाधिकार के इस संगीन उल्लंघन को यह कह कर माफ़ कर दें कि “वे इजराइल के साथ खड़े हैं और इजराइल को अपना बचाव करने का अधिकार है”? यह न केवल इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष में पश्चिम के पूर्ण पूर्वाग्रह को उजागर करता है बल्कि फिलिस्तीनी समस्या के शीघ्र समाधान की इच्छा में पश्चिम की अखंडता और ईमानदारी पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है।
जमाअत इस्लामी हिन्द अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ-साथ भारत सरकार से अपील करती है कि वह फिलिस्तीनियों पर इस तरह के खुले आक्रमण से बचने और दुनिया को आगे के संघर्ष और हिंसा से बचाने के लिए इस्राइल पर दबाव डाले।