सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ते हेट स्पीच (नफरती बयान) के मामलों पर चिंता जताते हुए कहा है कि भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष (सेकुलर) देश में मजहब के आधार पर नफरती अपराध की कोई गुंजाइश नहीं है। नफरती बयानों पर कोई समझौता नहीं हो सकता है। इसका समाधान तभी हो सकता है जब सरकार हेट स्पीच को एक समस्या के रूप में स्वीकार करे। उसने कहा कि ऐसे नफरती अपराधों से अपने नागरिक को बचाना सरकार का सबसे जरूरी फर्ज है।
पीटीआई के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस के.एम. जोसेफ और जस्टिस बी.वी. नागरत्ना की बेंच ने कल सोमवार को ये टिप्पणियां कीं। बेंच ने मामले की सुनवाई सोमवार को देर शाम तक की।
सुप्रीम कोर्ट की इस बेंच ने कहा कि जब नफरती अपराधों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है तो उससे एक ऐसा माहौल बनता है जो बहुत खतरनाक होता है। इसलिए ऐसे नफरती अपराधों को हमें हमारे जिन्दगी से जड़ से खत्म करना होगा। नफरती भाषण पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है